मोदी कैबिनेट झारखंड के इन लोगों को मिलेगा मौका, देखें एक जनर
Modi Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले कैबिनेट में अर्जुन मुंडा को कृषि और जनजातीय मामलों का केंद्रीय मंत्री बनाया गया था, लेकिन वे खूंटी से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं. वहीं, कोडरमा से लगातार दूसरी बार बड़े अंतर से जीतने वाली अन्नपूर्णा देवी, जो पिछली सरकार में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री थीं. इनको भी नए कैबिनेट में मौका मिल सकता है.
पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए कैबिनेट में झारखंड से भाजपा के आठ और आजसू के एक सांसद में से किसी दो को मंत्री पद मिलने की संभावना है. अगर एनडीए के सहयोगी दल आजसू से चंद्रप्रकाश चौधरी को मौका मिलता है, तो भाजपा के किसी एक सांसद को मंत्री पद दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले कैबिनेट में अर्जुन मुंडा को कृषि और जनजातीय मामलों का केंद्रीय मंत्री बनाया गया था, लेकिन वे खूंटी से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं. वहीं, कोडरमा से लगातार दूसरी बार बड़े अंतर से जीतने वाली अन्नपूर्णा देवी, जो पिछली सरकार में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री थीं. इनको भी नए कैबिनेट में मौका मिल सकता है.
निशिकांत दुबे और वीडी राम के नाम पर भी चर्चा हो रही है. गोड्डा से निशिकांत दुबे लगातार चौथी बार सांसद बने हैं. वे लोकसभा में भाजपा का पक्ष दमदार तरीके से रखने के लिए जाने जाते हैं और उनकी छवि एक आक्रामक सांसद की है. संताल परगना क्षेत्र से केवल गोड्डा सीट पर भाजपा की जीत हुई है, इसलिए निशिकांत दुबे को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. झारखंड में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसमें कुरमी वोटरों को साधने की चुनौती है. ऐसे में पार्टी आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी और जमशेदपुर से भाजपा सांसद विद्युतवरण महतो पर विचार कर सकती है. विद्युतवरण महतो तीसरी बार लगातार सांसद बने हैं, जबकि चंद्रप्रकाश चौधरी का यह दूसरा टर्म है.
पलामू की एससी आरक्षित सीट से बीडी राम की जीत भी महत्वपूर्ण है. दलित समाज को साथ जोड़े रखने के प्रयास में भाजपा बीडी राम को मौका दे सकती है. बीडी राम लगातार तीसरी बार लोकसभा सांसद बने हैं और झारखंड के पूर्व डीजीपी भी रहे हैं. उन्होंने भी बड़े अंतर से चुनाव जीतकर अपनी जीत-हार का रिकॉर्ड बनाए रखा है. इस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए कैबिनेट में झारखंड से किसे मौका मिलेगा. यह देखना दिलचस्प होगा। पार्टी की रणनीति और आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न नामों पर विचार किया जा रहा है.
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