Ank Jyotish:अंक शास्त्र ज्योतिष का हिस्सा है और इसमें लोगों के जन्म की तारीख के हिसाब से उनका भाग्यांक और मूलांक निकाला जाता है और उसी के आधार पर उनके जीवन में आनेवाली सभी अच्छे और बुरे समयों की गणना की जाती है. ऐसे में आपको बता दें कि जन्म की तारीख का योग मूलांक बनाता है. जबकि जन्म की तारीख, महीना और साल का योग भाग्यांक होता है. ऐसे में मूलांक का विस्तारित रूप भाग्यांक को कहा जाता है. 


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ऐसे में आपको भाग्यांक के आधार पर बताते हैं कि किस उम्र में किस भाग्यांक के व्यक्ति को सफलता मिलनी शुरू होती है. आपको बता दें कि मूलांक एक की तरह ही भाग्यांक 1 का भी प्रतिनिधित्व सूर्य के द्वारा होता है. ऐसे में इस भाग्यांक के जातकों को 22 से 34 वर्ष के बीच खूब सफलता मिलती है. 34 साल का होते-होते इनका भाग्योदय होता है. 


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वहीं भाग्यांक 2  का स्वामित्व चंद्रमा के पास होता है और इसके जातकों का भाग्योदय 24 वर्ष से 38 वर्ष के बीच होता है. वहीं भाग्यांक तीन का स्वामी गुरु ग्रह को माना गया है. ऐसे में उम्र के 32वें साल में इन जातकों का भाग्योदय होता है. भाग्यांक चार राहु से प्रभावित होता है. ऐसे में ये बड़ी बाधाओं को पार कर उम्र के 36वें साल में सफलता अर्जित करते हैं. 


भाग्यांक 5 का स्वामी बुध ग्रह है. ऐसे में 32वें साल में उन्हें सफलता मिलती है. भाग्यांक 6 का स्वामी शुक्र ग्रह है ऐसे में इस जातक का 25 साल की उम्र में भाग्योदय होता है. वहीं भाग्यांक 7 का संबंध केतु ग्रह से होता है. ऐसे में ऐसे जातक थोड़ा देर से सफलता हासिल करते हैं. ऐसे लोगों को जीवन में कई बार सफलता का मौका मिलता है लेकिन उम्र के 44वें साल में इनका भाग्योदय होता है. 


वहीं भाग्यांक 8 का स्वामी ग्रह शनि से है. ऐसे में ऐसे जातकों का भाग्योदय 36वें या 42वें साल में होता है. वहीं भाग्यांक 9 कार प्रतिनिधित्व मंगल करता है. ये 28 वें साल में खूब सफलता हासिल करते हैं.