Adhik Maas Amavasya 2023: हिन्दू धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र माना जाता है. सावन महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने और उन्हें जल अर्पित करने का एक विशेष महत्व है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, लगभग 19 सालों के बाद इस बार सावन 59 दिनों का है, जिसके कारण इस साल सावन का सोमवार 4 की बजाय 8 है. वहीं अगर अधिमास की बात करें तो यह हर तीन साल बाद आता है. इस बार अधिकमास की अमावस्या तिथि की शुरूआत 15 अगस्त को हो रही है. इस दिन पूर्वजों की शांति के लिए तर्पण करने की मान्यता है. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति पाया जा सकता है.


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अधिमास अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त: पंचांग को अनुसार, अधिमास की अमावस्या की शुरूआत 15 अगस्त की दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से हो रही है और इसका समापन 16 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 07 मिनट पर हो जाएगा. उदया तिथि होने से अधिमास की अमावस्या 16 अगस्त को ही मनाई जाएगी.


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अधिकमास अमावस्या की पूजा विधि: अधिमास के अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने की मान्यता है. अगर आप गंगा नदी में नहाने में असमर्थ है तो आप गंगाजल को पानी में मिलाकर घर पर ही स्नान कर सकते हैं. स्नान करने के पश्चात सूर्य को अर्ध्य दें. इसके बाद भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा करें. इसके बाद आप अगर चाहें तो पितरों के शांति के लिए तर्पण भी कर सकते हैं.


अधिमास अमावस्या का महत्व: अधिमास की अमावस्या का महत्व अधिक है. अमावस्या तिथि के दिन पितरों की पूजा की जाती है. इस दिन पितरों की पूजा करने पर पितृ दोष से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से किये गए पापो से भी छुटकारा मिलता है.