Astro Tips: हमारा शरीर पंचतत्वों से मिलकर बना है. इसमें कई धातुएं भी शामिल हैं. वैसे भी हिंदू धर्म के अनुसार सोना, चांदी, पीतल, तांबा, कांसा जैसे धातुओं को अत्यंत शुद्ध धातु माना जाता है. ऐसे में इनके बने आभुषणों को धारण करने की सलाह दी जाती है. ऐसे में इन धातुओं को धारण करने से इसका शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव जीवन पर देखने को मिलता है. 


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जहां सोने को सबसे शुद्ध धातु माना गया है वहीं चांदी को धारण करने का भी ज्योतिष में खासा महत्व है. ऐसे में इसके छल्ले को धारण करने से होनेवाले फायदे के बारे में जान लेना चाहिए. चांदी का छल्ला धारण करना किसी व्यक्ति की कई समस्याओं के निदान में सहायक होता है. ऐसे में लग्न कुंडली का विचार ज्योतिष में किया जाता है. ऐसे में चांदी के छल्ले या आभुषण को धारण करने से पहले भी इस पर विचार करना चाहिए. 


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बता दें कि ज्योतिष के अनुसार चांदी का संबंध नवग्रहों में से शुक्र और चंद्रमा से बताया गया है. ऐसे में बताया गया है कि यह धन और वैभव का कारक है. इससे ये दोनों आकर्षित होते हैं. ऐसे में इसे धारण करने से जातक को मानसिक शांति भी मिलती है. इसके साथ ही यह कई रोगों से बचाव भी करता है.  


चांदी का छल्ला हमेशा बिना जोड़ के घारण करना चाहिए, इसके साथ ही इसे हाथ के अंगूठे में धारण करना चाहिए. पुरुषों को दाएं हाथ के अंगूठे वहीं महिलाओं को बाएं हाथ के अंगूठे में इसे धारण करना चाहिए. 


कर्क, वृश्चिक, वृषभ, तुला और मीन राशि के लोगों के लिए चांदी का छल्ला धारण करना शुभ होता है. इसे धारण करने के लिए सोमवार या शुक्रवार के दिन का चयन करना चाहिए.