Chhath Puja 2023: लोक आस्था का महपर्व छठ 17 नवंबर से शुरू होगा और इसका समापन सप्तमी तिथि को भगवान आदित्य को ऊषा अर्घ्य देने के साथ हो जाएगा. आपको बता दें कि इस महापर्व में नहाय-खाय, खरना, संध्या-अर्घ्य के साथ ही उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसको लेकर व्रतियों की तैयारी बड़ा लंबे समय से चल रही होती है. दीपावली से पहले से ही छठ को लेकर बाजार गुलजार होता है. उस दौरान ही प्रकाश पर्व दिवाली मनाया जाता है और लोग तब भी छठ की तैयारी में जुटे रहते हैं. खासकर उत्तर भारत में मनाए जानेवाले इस पर्व ने अब ग्लोबल आकार ले लिया है. दुनिया के लगभग हर कोने में इस पर्व को मनाने वाले लोग पहुंच गए हैं. ऐसे में इस पर्व को अगर आप पहली बार करनेवाले हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इसके लिए आपको किन-किन सामग्रियों की जरूरत पड़ने वाली हैं. 


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इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो जाती है. जिस दिन घर में व्रतियां साठी के चावल से भात या फिर अरवा चावल का भात, चने की दाल वह भी सैंधा नमक में साथ ही घीया या कद्दू की सब्जी बनाती हैं और यही ग्रहण करती हैं. ऐसे में इन सामग्रियों के अलावा अगले दिन खरना होता है. जिस दिन आपको गन्ने का रस, फल और साथ ही सिंघाड़े का आटा या सामान्य आटा जिससे की पूड़ी बनाई जाती है. उसकी व्यवस्था करनी होगी. इस दिन पूरे दिन उपवास के बाद शाम में भोग लगाकर गन्ने के रस और साठी के चावल से बनी मीठा चावल जिसको रसिया कहते हैं. पूड़ी जो एक के साथ एक जुड़ी होती है. फल और कच्चे दूध से अर्घ्य देकर व्रती फिर इसे खाती हैं और यही प्रसाद सबको दिया जाता है. 


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यहां से व्रतियां 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करती हैं वह भी तब तक जब तक कि उगते सूर्य को सप्तमी के दिन अर्घ्य ना दे दिया जाए उसके बाद घाट से वापस आकर ही व्रतियां छठी मैया का प्रसाद वितरण कर और ग्रहण कर पारण करती हैं. ऐसे में इस पूजा में किन सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. उसके बारे में जान लेना जरूरी है. 


सिक्के, कपूर, रूई की बत्ती, दीया (मिट्टी का या अन्य), घी, गंगा जल, अगरबत्ती, रोली, सिंदूर, सुपाड़ी, पान, आरता पत्ता, बांस के सूप, पानी वाला नारियल, खजूर, माचिस, सुपाड़ी, लौंग, इलायची, धागा, लाल कपड़ा, अक्षत, सफेद पीले और लाल फूल, गेहूं, चावल, जौ, दूध, गन्ना, पीला सिंदूर, लाल चंदन, शहद, हल्दी, मूली, अदरक, बड़ा नींबू, छोटा नींबू, आंवला, शरीफा, केला, नाशपाती, शकरकंदी, सुथनी, मिठाई, गुड़ इन सारी चीजों की आवश्यकता होती है. 


इसके अलावा ठेकुआ, भुसवा, मखान, अंकुरी रखा जाना चाहिए. जिस डाले या सूप में यह सामग्री रखकर जाएं उसमें इन सारी चीजों को रखने स पहले सिंदूर और पिठार जरूर लगाएं.