Shubh Yoga: गुरु व बुध की वजह से बनते हैं उच्च शिक्षा के योग, ज्योतिष के ये उपाय खोल देंगे तरक्की का मार्ग
ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नौ ग्रहों में से कुछ ग्रह ऐसे हैं जो बेहद शुभ ग्रह माने जाते हैं. इन ग्रहों की युति का फिर एक ही ग्रह अगर आपकी कुंडली में शुभ भाव में हों तो वह आपकी किस्मत का सितारा बुलंद कर सकता है.
Shubh Yoga: ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नौ ग्रहों में से कुछ ग्रह ऐसे हैं जो बेहद शुभ ग्रह माने जाते हैं. इन ग्रहों की युति का फिर एक ही ग्रह अगर आपकी कुंडली में शुभ भाव में हों तो वह आपकी किस्मत का सितारा बुलंद कर सकता है. वैसे आपको बता दें कि कुंडली के शुभ ग्रह अगर विशेष योग बना रहे हों तो फिर तो कहना ही क्या. वैसे हर ग्रहों की अपनी अलग विशेषता है. इनके शुभ प्रभाव आपके जीवन पर उनकी विशेषताओं के हिसाब से ही नजर आते हैं.
वैसे आपको बता दें कि कुंडली में अगर चंद्रमा अच्छी स्थिति में हो तो लोगों का मन शांत और रिश्तों में हमेशा बेहतरी बनी रहती है. वहीं अगर मंगल की स्थिति अच्छी हो तो जातक को साहसी, पराक्रमी और साथ ही भयमुक्त बना सकता है. इसके अलावा बुद्ध का बेहतर होना आपको बौद्धिक स्तर की बेहतरी का परिचायक है. जबकि गुरु ज्ञान के प्रतीक हैं. इसके साथ ही सूर्य आपको लीडरशीप क्वालिटी के साथ ही पराक्रम और ऊर्जा से भरपूर भी बनाता है. शुक्र आपको भोग विलास दिलाता है. वहीं शनि की अच्छी स्थिति आपको मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा और सफलता देने वाला होता है.
ऐसे में आपको बता दें कि किसी भी जातक की जन्मकुंडली के पंचम भाव से ही उसकी शिक्षा की गणना की जाती है. यह भाव रचनात्म क्षमताओं को दिखाता है. यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति और कर्मठता को भी दर्शाता है. इसके साथ ही यह महत्वाकांक्षाओं को भी दर्शाता है.
ऐसे में पंचम भाव के साथ द्वितीय और चतुर्थ भाव की भी गणना इसके साथ करना अनिवार्य है. किसी की शिक्षा का स्तर क्या होगा यह द्वितीय भाव से ही पता चलता है. हालांकि यह घर धन स्थान का भी सूचक है. वहीं चौथा भाव मां, जमीन, भवन के साथ सुख का स्थान माना गया है.
वैसे आपको बता दें कि शुक्र जहां संगीत, कला आदि में पारंगत बनाता है. वहीं बुध शिक्षा, संचार, मैनेजमेंट बनाता है. इसके साथ ही सूर्य और चंद्रमा मिलकर राजनीति में पारंगत, मनोवैज्ञानिक बनाते हैं. सूर्य और बुध मिलकर गणित में कौशलता प्रदान करते हैं.