Gemstone: मोती केवल मन को शांत ही नहीं अशांत भी करता है! ऐसे में धारण करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर राशि के ग्रहों के रत्न और उपरत्नों के बारे में बताया गया है. ऐसे में चंद्रम का रत्न मोती बताया गया है. यह काफी शीतल होता है क्योंकि चंद्रमा को जल तत्व माना गया है. ऐसे में इसके इस रत्न को धारण करने से मन की शीतलता आती है.
Gemstone: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर राशि के ग्रहों के रत्न और उपरत्नों के बारे में बताया गया है. ऐसे में चंद्रम का रत्न मोती बताया गया है. यह काफी शीतल होता है क्योंकि चंद्रमा को जल तत्व माना गया है. ऐसे में इसके इस रत्न को धारण करने से मन की शीतलता आती है. वैसे भी चंद्रमा मन का कारक है ऐसे में इसका रत्न धारण करने से मन पर सीधा प्रभाव पड़ता है.
वैसे मोती धारण करनेवाले जातकों का जहां मन शांत रहता है वहीं उनके भीतर से नकारात्मक विचार भी दूर हो जाते हैं. वहीं दांपत्य जीवन में आ रही परेशानी से भी मुक्ति मिलती है. वहीं छात्रों के लिए मोती धारण करना बेहद शुभ माना गया है इससे छात्रों के मन में शिक्षा के प्रति आ रही विचलन की समस्या दूर होती है. लेकिन, क्या आपको पता है कि मोती को धारण करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए नहीं तो इसका उल्टा प्रभाव भी जातक के जीवन पर पड़ता है.
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मोती हमेशा हाथ की कनिष्ठा या छोटी उंगली में धारण की जाती है. यह दाहिने हाथ में धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है. वैसे तो मोती को अधिकतर चांदी में बंधवाकर ही पहनना चाहिए लेकिन कभी-कभी इसे सोने में भी बनवाकर धारण करने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही यह सलाह भी दी जाती है कि मोती को कभी भी नीलम या गोमेद के साथ धारण नहीं करना चाहिए. यह आपके मन को शांत करने के बजाए अशांत कर सकता है.
शुक्ल पक्ष की सोमवारी को मोती धारण करना सबसे फायदेमंद है. वहीं पूर्णिमा के दिन भी इसे धारण किया जा सकता है. इसे गंगाजल या कच्चे दूध से रखने के कुछ देर बाद धूप-अगरबत्ती दिखाकर ही धारण करना चाहिए. मोती धारण करने के साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आप शिव की पूजा करें ताकि इसका प्रभाव आपको देखने को मिले.