Vastu Yantra: वास्तु यंत्र के बारे में जानते हैं आप, जानें घर में इसे कहां रखना चाहिए?
किसी भी घर में अगर वास्तु का दोष हो तो ऐसे में घर का माहौल हमेशा के लिए नकारात्मक बन जाता है. घर से पॉजिटिविटी खत्म हो जाती है. कलह का घर में बसेरा होता है. घर की सुख-शांति समाप्त हो जाती है. ऐसे में घर में से वास्तु दोष को दूर करने के लिए वास्तु के जानकार कई उपाय बताते हैं.
Vastu Yantra: किसी भी घर में अगर वास्तु का दोष हो तो ऐसे में घर का माहौल हमेशा के लिए नकारात्मक बन जाता है. घर से पॉजिटिविटी खत्म हो जाती है. कलह का घर में बसेरा होता है. घर की सुख-शांति समाप्त हो जाती है. ऐसे में घर में से वास्तु दोष को दूर करने के लिए वास्तु के जानकार कई उपाय बताते हैं. ऐसे में एक उपाय घर में वास्तु यंत्र की स्थापना भी है. जिसके जरिए घर से वास्तु दोष को मिटाया जा सकता है.
ऐसे में किसी भी घर में जहां वास्तु दोष हो या नहीं भी हो वास्तु यंत्र की स्थापना को उत्तम माना गया है. यह यंत्र आपके घर में व्याप्त नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता का संचार करता है. जिस घर में इस यंत्र की स्थापना की जाती है वहां लोगों को धनलाभ के साथ ही परिवार में खुशियों का संचार भी होता है.
ये भी पढ़ें- शादी का मंडप बांस से ही क्यों बनाया जाता है जानते हैं आप, क्यों होता है इतना शुभ?
वास्तु यंत्र बहुत बड़ा यंत्र नहीं है. यह चौकोर आकार का होता है. यह अष्टधातु का बना होता है. इसको घर में स्थापित करने से नकारात्मक एनर्जी दूर होती है. ऐसे में बता दें कि घर में वास्तु यंत्र को जहां तहां स्थापित नहीं करना चाहिए. बल्कि इसके हमेशा घर के ईशान कोण या पूर्व-उत्तर की दिशा में स्थापित करना चाहिए. वास्तु यंत्र को पूजा के साथन पर या भगवान की तस्वीर के करीब भी रख सकते हैं.
वैसे वास्तु यंत्र हमेशा चांदी, सोना, ताम्रपत्र या क्रिस्टल का ही होना चाहिए. घर में पीतल के वास्तु यंत्र को भी रखने का नियम है. वैसे लोहे या पत्थर का वास्तु यंत्र कभी भी घर में रखना नहीं चाहिए. वैसे घर में वास्तु यंत्र की स्थापना से पहले शुभ मुहूर्त जरूर देखना चाहिए. रविवार और मंगलवार को वास्तु यंत्र की स्थापना निषेध है. इस यंत्र को स्थापित करने से पहले उसे गंगाजल से स्नान जरूर कराना चाहिए.
वास्तु यंत्र की स्थापना के लिए उसकी पूजा करना जरूरी है. उसपर तिलक और फूल अर्पित करें. इसकी स्थापना के बाद गृह क्लेश दूर होता है. वास्तु यंत्र को सीछे जमीन या लकड़ी पर नहीं रखना चाहिए बल्कि उसे लाल कपड़े वाले आसन पर स्थापित करना चाहिए.