Astrology: मंगलसूत्र को कब उतार देना चाहिए, जानिए कब-कब इसको धारण करना है वर्जित?
मंगलसूत्र सनातन धर्म के औरतों के लिए सुहाग की निशानी है. वैसे आपने महिलाओं को गले में हमेशा धारण किए रहती हैं.
Astrology: मंगलसूत्र सनातन धर्म के औरतों के लिए सुहाग की निशानी है. वैसे आपने महिलाओं को गले में हमेशा धारण किए रहती हैं. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि महिलाओं को कब मंगलसूत्र उतार देना चाहिए और किन परिस्थितियों में उन्हें इसे धारण करना वर्जित बताया गया है.
वैसे भी सन्तान धर्म में शादी के बाद सोलह श्रृंगार करना महिलाओं के लिए अहम माना गया है. इसके साथ ही बताया गया है कि शादीशुदा महिलाओं के लिए मंगलसूत्र, बिछिया, पायल पहनना बेहद शुभ होता है. इसका केवल धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है.
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मंगलसूत्र में सोना और काले मोती का होना महिलाओं के सुहाग और उसकी स्वयं की भी रक्षा करता है. ऐसे में कई महिलाएं सवाल करती हैं कि क्या मासिक धर्म के दौरान मंगलसूत्र उतार देना चाहिए तो बता दें कि ऐसा जिक्र किसी भी धर्म शास्त्र में नहीं है.
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मंगलसूत्र को लेकर मान्यता यह भी है कि यह एक अदृश्य शक्ति के तौर पर हमेशा महिला की रक्षा करता है वहीं यह महिला के पति की भी रक्षा करता है. ऐसे में जब तक महिला का पति जीवित हो उसके मंगलसूत्र उतारने और सिंदुर को साफ करने का कोई विधान नहीं है.
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