Astro News: क्यों करना चाहिए दाहिने हाथ से ही भोजन? जानें इसका ज्योतिष में महत्व
आज के आधुनिक युग में खाने के लिए चम्मच, कांटे और छुरी का इस्तेमाल आम हो गया है. लेकिन, सनातन संस्कृति में हाथ से खाने को ही पवित्र माना गया है. आपको बता दें कि सन्तान धर्म की मानें तो हाथ में मां अन्नपुर्णा का निवास होता है. वहीं हमारे हाथ के अग्र भाग में मां लक्ष्मी निवास करती हैं.
Astro News: आज के आधुनिक युग में खाने के लिए चम्मच, कांटे और छुरी का इस्तेमाल आम हो गया है. लेकिन, सनातन संस्कृति में हाथ से खाने को ही पवित्र माना गया है. आपको बता दें कि सन्तान धर्म की मानें तो हाथ में मां अन्नपुर्णा का निवास होता है. वहीं हमारे हाथ के अग्र भाग में मां लक्ष्मी निवास करती हैं. वहीं मध्य भाग में मां सरस्वती का निवास है और हाथ के मूल भाग में विष्णु का निवास है. ऐसे में हाथ से लिया गया निवाला हमारे सेहत, विचार, मन, बुद्धि और हमारी सोच सबको पवित्र करनेवाला होता है. वहीं मां अन्नपुर्णा को संतुष्टि की देवी के तौर पर पूजा जाता है. ऐसे में उनका भी आशीर्वाद हमें मिलता है.
शरीर के पंच तत्व क्षिति, जल,पावक, गगन ,समीर सभी का प्रवाह हमारे शरीर में हाथ के निवाले के साथ होता है. इससे जहां भोजन शरीर को स्वस्थ रखता है वहीं यह जल्दी पचता भी है. ऐसे में ज्योतिष शास्श6 और सनातन धर्म दोनों के अनुसार दाहिन हाथ से खाने का विधान है जबकि बाएं हाथ से किए गए भोजन को अशुभ माना जाता है.
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हमारे शरीर के दोनों हाथों को देखें तो इसमें से बायां हाथ चंद्र नाड़ी और दायां हाथ सूर्य नाड़ी के रूप में माना गया है. ऐसे में ऊर्जा के प्रवाह के लिए खाने के समय दाहिने हाथ के प्रयोग का विधान है. वैसे भी दाहिने हाथ का प्रयोग उन कार्यों के लिए किया जाता है जिसमें ज्यादा ऊर्जा की जरूरत हो जबकि बायें हाथ का प्रयोग कम ऊर्जा की आवश्यकता वाले कामों के लिए होती है.
ऐसे में शास्त्रों में सारे शुभ कार्य दाहिने हाथ से करने का विधान है जबकि पितरों आदि के पिंड दान के लिए बाएं हाथ का प्रयोग सर्वथा किया जाता है. हालांकि इसमें भी पिंडदान के समय शुभ के लिए दाहिने हाथ का भी प्रयोग होता है. ऐसे में खाने को शुभ कर्म माना गया है इसलिए इस समय दाहिन हाथ के प्रयोग की सलाह दी जाती है.