बिहार विधानसभा चुनाव में एंटी इनकंबेंसी के सहारे RJD! चुनावी तैयारियों को इस तरह दे रही `धार`
आरजेडी वर्चुअल रैली को अभी तक ज्यादा त्वज्जो देती नहीं दिख रही है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अभी तक सिर्फ एक बार वर्चुअल बैठक की है.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Chunav 2020) होने में अब कुछ महीनों का समय शेष है. ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी (BJP) ने चुनाव की तैयारियों के लिए इस बार डिजीटल माध्यम को अपना हथियार बनाया है. पार्टी के तमाम नेता लगातार वर्चुअल रैली (Virtual Rally) कर रहे हैं. तो वहीं, जेडीयू (JDU) ने भी बीजेपी के नक्शेकदम पर चलते हुए वर्चुअल रैली को अपने प्रचार का हथियार बनाया है.
राहुल गांधी ने भी की वर्चुअल बैठक
जेडीयू के वर्चुअल की कमान पूरी तरीके से आरसीपी सिंह और ललन सिंह ने ले रखी है. दोनों दिग्गज नेता लगातार वर्चुअल माध्यम से जनता और कार्यकर्ताओं से जुड़ रहे हैं और पार्टी के कामकाज की रिपोर्ट पेश कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी बीते दिनों बिहार के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल बैठक की थी.
इस बैठक में राहुल गांधी ने महागठबंधन (Mahagathbandhan) में सीट शेयरिंग सहित चुनाव की तैयारियों को लेकर, पार्टी नेताओं को अहम निर्देश दिए. लेकिन इन सबके बीच, आरजेडी (RJD) अपनी चुनावी तैयारियों को अलग धार देती नजर आ रही है. आरजेडी डिजीटल प्रचार के माध्यम को अलग तरीके से उपयोग कर रही है.
RJD ने एक बार की है वर्चुअल बैठक
आरजेडी वर्चुअल रैली को अभी तक ज्यादा त्वज्जो देती नहीं दिख रही है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अभी तक सिर्फ एक बार वर्चुअल बैठक की है और इसमें भी सिर्फ पार्टी के युवा जिलाध्यक्षों, विधायकों और पूर्व विधायकों को शामिल किया गया था.
इसको लेकर अंदरखाने यह आवाज भी उठ रही है कि, जल्द ही पार्टी हाईकमान को वरिष्ठ नेताओं के साथ, चुनाव को लेकर बैठक करनी चाहिए. जो फिलहाल अभी तक होता नहीं दिख रहा है. लेकिन चुनाव में जनता महत्वपूर्ण होती है और जब तक उससे नेता का सीधा संवाद स्थापित नहीं होता है, तब तक तैयारियों को 'फीका' ही माना जाता है.
'सत्ता विरोधी लहर की आस'
सूत्रों के अनुसार, आरजेडी इस बार एंटी इनकंबेंसी (Anti-Incumbency) के सहारे चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. पार्टी को लगता है कि, एनडीए (NDA) के 15 साल के शासनकाल के खिलाफ जनता में सत्ता विरोधी लहर है, जिसका फायदा उससे चुनाव में मिलेगा.
81 लाख लोग बाढ़ प्रभावित
राजनीति के जानकारों की मानें तो, इस बार कोरोना (Corona), बाढ़ (Flood), चमकी बुखार और लॉकडाउन (Lockdown) ने लोगों की कमर तोड़ दी है. इसका असर सीधा लोगों के जीवन और आय पर पड़ा है. बाढ़ से राज्य के 16 जिलों के 81 लाख से अधिक लोग बुरी तरह प्रभावित हैं और इसका रोष जनता के चेहरे पर कई जगह देखनें को भी मिल रहा है.
'CM नीतीश पर तेजस्वी आक्रमक'
इसलिए आरजेडी इसको सरकार के लिए चुनौती और अपने लिए चुनावी 'संजीवनी' मान रही है. तेजस्वी यादव लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस, ट्वीट करके कोरोना टेस्टिंग और बाढ़ की स्थिति पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार को घेर रहे हैं. तेजस्वी का कहना है कि, 15 साल की सुशासनी सरकार ने बिहार में कोई काम नहीं किया है और जनता जब मुसीबत में हैं तो, उस वक्त सीएम घर में बैठे हैं.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रहे तेजस्वी
इतना ही नहीं, तेजस्वी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और वहां सरकार की नाकामियों को गिना रहे हैं. जबकि आरजेडी की सोशल मीडिया टीम द्वारा लगातार तेजस्वी की बात और उनका वीडियो जनता तक व्हाट्सएप से भेजा जा रहा है.
तेजस्वी अभी तक दरभंगा, गोपालगंज और छपरा जैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है. यहां पर तेजस्वी ने बाढ़ की स्थिति के लिए नीतीश कुमार सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी सत्ता विरोधी लहर को चुनाव में पूर्ण रूप से भुनाने की कोशिश में लगी है. हालांकि, पार्टी इसमें कितना सफल हो पाएगी, ये तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन उस पहले सियासी दांव पेंच का खेल बिहार में चरम पर है.