पटना: जेडीयू नेता अजय आलोक ने आरजेडी पर इशारों ही इशारों में निशाना साधा है. अजय आलोक ने बिना नाम लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को 'मूर्खों' की पार्टी बताया है और कहा है कि पार्टी के सबसे बड़े 'मूर्खाधीराज' नया साल (New Year 2021) मनाने के लिए दिल्ली गए हैं. 


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अजय आलोक ने कहा, 'साल के अंतिम दिन भी लगता है मूर्खों को उपदेश देने में ही बीत जाएगा. शक्ल काली हो तो शीशे का दोष नहीं होता. मूर्ख हमेशा सोचता है कि बिल्ली का छींका फटेगा और दही हम चाटेंगे. मूर्खोंधीराज की पार्टी है, सबसे बड़े मूर्खाधीराज नया साल मनाने के लिए दिल्ली गए हुए हैं. कौवों के कांव-कांव करने से शमसान नहीं बनता है. हैप्पी न्यू ईयर.'


बता दें कि आरजेडी विधायक और प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने ट्वीट कर बुधवार को लिखा, ' नीतीश जी अपनी अंतरात्मा की बात सुनिए. आपकी अंतरात्मा कह रही है कि भाजपा का त्याग करो और समाजवादियों से साथ चलो. तेजस्वी को सीएम बनाओ और देश की राजनीति करो, हम सब आपके साथ खड़े होंगे.' 


वहीं, आरजेडी विधायक जितेंद्र कुमार राय ने ट्वीट कर लिखा, 'बीजेपी के साथ जदयू का गठबंधन बेमेल है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे हैं. बीजेपी और उनके नेता लगातार नीतीश कुमार पर दबाव बना रहे हैं. यह सरकार चलने वाली नहीं है.


दरअसल, बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष दावा कर रहा है कि जेडीयू-बीजेपी की सरकार राज्य में ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है. हालांकि, एनडीए की तरफ से इन दावों को बार-बार बेबुनियाद बताया जाता रहा है. इस बीच, बीते दिनों अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद बिहार में एक बार फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया जो थमने का नाम नहीं ले रहा है.


जेडीयू इस घटना को लेकर बीजेपी से नाराज बताई जा रही है और वह इसे गठबंधन धर्म के खिलाफ बता रही तो वहीं, बीजेपी अब 'डैमेज कंट्रोल' करनें जुट गई है. बुधवार को बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को राजग का 'अभिभावक' बताते हुए कहा कि राजग का मुखिया मजबूत है और घर भी मजबूत है.


इधर, विपक्ष को इस घटना ने संजीवनी देने का काम किया है. आरजेडी के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने बुधवार को यह कहकर सनसनी फैला दी कि जेडीयू के 17 विधायक उनके संपर्क है, वह राजद में शामिल होना चाहते हैं. लेकिन वह पार्टी विरोधी गतिविधियों के मद्देनजर उनको (जेडीयू विधायकों) यह कहा गया है कि कम से कम 28 विधायक आए तो ही शामिल कराकर सरकार गिराया जा सकता है. 


Amita Kumari, News Desk