Karakat Seat: काराकाट में `नौकरी वाली दीदी` का नामांकन रद्द, अब उपेंद्र कुशवाहा-पवन सिंह सहित 14 उम्मीदवार मैदान में
Karakat Lok Sabha Seat: नाम वापसी की तिथि 17 मई है. अब देखना यह है कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे पवन सिंह और उनकी मां प्रतिमा देवी में से कौन नामांकन पर्चा वापस लेता है.
Karakat Lok Sabha Seat: बिहार की काराकाट लोकसभा सीट देश की वीवीआईपी सीटों में शामिल है. यहां से एनडीए की ओर से रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं. तो वहीं महागठबंधन से सीपीआई की टिकट पर राजाराम सिंह को उतारा गया है. इसके अलावा भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह भी बीजेपी से बगावत करके निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं. पवन सिंह की मां ने भी अंतिम दिन नामांकन भर दिया था. जानकारी के मुताबिक, कुल 27 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया था, लेकिन 14 प्रत्याशियों के नामांकन ही मंजूर किए गए हैं. बुधवार (15 मई) को स्क्रूटनी का काम पूरा हो गया. जानकारी के मुताबिक, 13 प्रत्याशियों के नामांकन अलग अलग कारणों से रद्द कर दिए गए.
निर्दलीय कैंडिडेट पवन सिंह को जिस बात का डर सता रहा था, वैसा नहीं हुआ है. स्क्रूटनी के बाद उनका नामांकन सही पाया गया है. वहीं नौकरी वाली दीदी के नाम से मशहूर किरण प्रभाकर का नोमिनेशन खारिज हो गया है. अब नाम वापसी की तिथि 17 मई है. देखना यह है कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे पवन सिंह और उनकी मां प्रतिमा देवी में से कौन नामांकन पर्चा वापस लेता है. जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि सीपीआई व इंडिया गठबंधन के राजाराम सिंह, राष्ट्रीय लोक मोर्चा व एनडीए प्रत्याशी उपेन्द्र कुशवाहा, पवन कुमार सिंह, प्रतिमा देवी समेत कुल 14 उम्मीदवारों के के आवेदनों को स्वीकृत किया गया.
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बीजेपी नेता और बिहार सरकार में मंत्री प्रेम कुमार की ओर से पवन सिंह पर कार्रवाई किए जाने की बात कहे जाने के बाद पवन सिंह ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने साफ कहा कि वह किसी प्रकार के दबाव में नहीं है और किसी हाल में वह अपना नाम वापस नहीं लेंगे. उधर मां के नामांकन पर पवन सिंह ने कहा कि हर आदमी जीवन में कुछ निर्णय सोच समझ कर लेता है और चुनाव लड़ने में आ रही बाधाओ को देखते हुए उनकी मां ने काराकाट से ही नामांकन किया है. उन्होंने कहा कि मीडिया के बंधु इसे बखूबी समझ सकते हैं. सियासी पंडितों के मुताबिक, पवन सिंह को अपना पर्चा खारिज होने का डर सता रहा है. वह कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, इसीलिए उन्होंने अपनी मां से भी पर्चा भरवा दिया है.