मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित एसकेएमसीएच अस्पताल इन दिनों काफी सुर्खियों में है. केंद्रीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और राज्य के मंत्री यहां चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का हाल चाल रहे हैं. लेकिन यहां एक से एक कारनामे भी सामने आ रहे हैं. बीते दिन यहां अस्पताल के पीछे नरकंकाल का मामला सामने आया तो वहीं, रविवार को आईसीयू वार्ड के बाहर छत का हिस्सा ढह गया. बता दें कि अस्पताल में चमकी बुखार से पीड़ित दर्जनों बच्चे यहां आईसीयू में भर्ती हैं.


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एकेएमसीएच अस्पताल में किसी भी मंत्री या नेता को व्यवस्था में खराबी नहीं दिख रही है. अस्पताल के प्रबंध के बारे में कहना है कि यहां सारी सुविधाएं हैं, लकिन रविवार को ऐसा वाक्या हुआ जिससे अस्पताल का जायजा लेने वाले मंत्रियों के जायजे की पोल खुल गई.


दरअसल, चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे आईसीयू वार्ड में भर्ती हैं. वहीं, वार्ड के बाहर रविवार को छत का हिस्सा ढह गया. हालांकि, इस घटना में कोई भी लोग हताहत नहीं हुए. लेकिन एक बड़ी घटना हो सकती थी इससे न नहीं कहा जा सकता है. बच्चों का यहां इलाज चल रहा है. बच्चे बीमारी से पहले ही काफी परेशान हैं, ऐसे में अस्पताल में इस तरह के हादसे लोगों को और डरा रहा है.



वहीं, सवाल यह भी उठता है कि अस्पताल का जायजा लेने वाले मंत्री और नेताओं ने वहां जा के क्या देखा जो उन्हें सारी सुविधाएं सही लगी. क्या उनकी नजर अस्पताल के दिवारों और छत पर नहीं गई? क्या उन्हें लगा की यहां एक बड़ा हादसा हो सकता है? इसके आलावा अस्पताल प्रबंधन पर भी बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या वह इस तरह के हादसे के इंतजार करते रहते हैं? 


बहरहाल, हादसों से यहां किसी के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन यह हादसा कई सवाल खड़े कर रहे हैं. और सवालों से न तो अस्पताल प्रबंधन बच सकते हैं और न ही मंत्री ही नकार सकते हैं.


आपको बता दें कि बिहार में चमकी बुखार से 167 बच्चों की मौत हो गई है. वहीं, सबसे अधिक मुजफ्फरपुर में करीब 130 बच्चों की मौत हुई हैं. इसके साथ ही शनिवार को अस्पताल के पीछे जंगलों में कई नरकंकाल मिले हैं.