सुस्त पुलिसिंग का शिकार हो रहा है समस्तीपुर, दर्ज नहीं की जा रही चोरी की FIR!
अगर आप समस्तीपुर में रहते हैं या फिर समस्तीपुर के रास्ते गुजर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. अगर आपके साथ लूट या चोरी की घटना घटती है तो यहां के थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है.
समस्तीपुर : बिहार में बेहतर कानून व्यवस्था लागू करने को लेकर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय लगातार अपने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं, लेकिन उनके इन आदेशों का समस्तीपुर पुलिस पर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है. पुलिस की मनमानी को लेकर पीड़ित थानों से लेकर एसपी कार्यालय तक चक्कर लगाने को मजबूर हैं. उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलता है. कार्रवाई तो दूर प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की जा रही है.
अगर आप समस्तीपुर में रहते हैं या फिर समस्तीपुर के रास्ते गुजर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. अगर आपके साथ लूट या चोरी की घटना घटती है तो यहां के थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है. यह हम नहीं, बल्कि कुछ घटना इसकी तस्वीर बयां कर रही है.
पहला मामला नगर थाना का है, जहां बीते 12 जून को पटेल मैदान के सामने से एक युवक की बाइक की चोरी हो गई. पीड़ित ने बाइक चोरी की लिखित शिकायत थाने में की. चोरी की घटना सीसीटीवी में कैद भी हुई, लेकिन अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. पीड़ित थाने का चक्कर लगता रहा. उसे आश्वासन दिया गया कि कार्रवाई की जा रही है. बाइक मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी. थाने में पदस्थापित सेक्टर मोबाईल के द्वारा बाइक ढूंढने के लिए कुछ पैसे खर्च करने की बात भी कही गई.
वहीं, दूसरा मामला मुसरीघरारी थाना क्षेत्र का है. 22 जून की रात रुपौली गांव के पास एनएच 28 पर हथियार के बल पर चालक को बंधक बनाकर पिकअप गाड़ी की लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था. लूट की वारदात के बाद वाहन मालिक और चालक थाना पंहुचा. प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय उसे उजियारपुर थाना जाकर शिकायत करने की बात कही गई. पीड़ित एफआईआर दर्ज कराने को लेकर एक थाने से दूसरे थाने का चक्कर लगा रहा है. मामला दर्ज नहीं होने के बाद पीड़ित अब एसपी से गुहार लगा रहा है.
थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं किये जाने के सवाल पर एसपी भी थानाध्यक्षों का बचाव करते हुए मामले की जांच किए जाने की बात कह रहे हैं. वैसे समस्तीपुर में पुलिस की कार्यशैली से डीजीपी भी वाकिफ हैं. 17 जून को अपने औचक निरीक्षण में डीजीपी ने मुसरीघरारी थाने में कई अनियमितता पाई थी और उसको लेकर थानाध्यक्ष और सर्किल इंसपेक्टर पर विभागीय कार्रवाई करने के आदेश भी दिए थे.