Chhapra Violence: छपरा हिंसा को लेकर बीजेपी ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. बीजेपी ने कहा कि आज सुबह एक व्यक्ति चौक पर चाय पीने गए थे और उनको बीजेपी का समर्थक मानकर कर बहुत मारा पीटा गया. विरोध करने पर 1000 की संख्या में लोग घरों मे घुसकर के मारने पीटने लगे. बीजेपी के वकील एसडी संजय ने कहा कि हमारे घर पर अगर लोगों की भीड़ आएगी तो क्या अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षा करने का अधिकार नहीं है. भारतीय दंड विधान ने भी यह अधिकार दिया है कि अगर हमें कोई जान मारना चाहता है तो हम अपने को बचाने के लिए हम सामने वाले की जान ले सकते हैं. अगर हम नहीं लेंगे सामने वाला हमारी जान ले लेंगे. 


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बीजेपी के वकील ने कहा कि जांच का विषय है इस पर जांच की जा रही है कि वह कौन है? इन पर कौन, किसने गोली मारी? इसकी जांच पुलिस कर रही है. अभी हमें भी पूरी जानकारी नहीं मिली है, क्योंकि हमारे लोगों को भी गिरफ्तार किया जा रहा है. पुलिस के द्वारा वहां पर यह अभी तक क्लियर नहीं हुआ है कि कौन थे? वह लोग जिन्होंने गोली मारी है और किन को गोली लगी है यह पुलिस अभी नहीं बता रही है. 


मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के वकील ने आगे कहा कि मैंने कहा कि रोहिणी को कोई सुरक्षाकर्मी नहीं मिला है क्या? सरकार की तरफ यह जब किसी को सुरक्षाकर्मी दी जाते है तो यह उसके साथ ही लिखा होता है कि यह सुरक्षाकर्मी आपके साथ या आपके जिनको जिनको ऑथराइजेशन है. उन्हीं के साथ चलेंगे, इसलिए राजीव प्रताप रूडी ने अपनी शिकायत में लिखा है कि वह अनियमित थे.


उन्होंने कहा कि रोहिणी आचार्य कह रही है कि हमारे तीन लोगों को गोली मार दी गई. यह वह किस आधार पर कर रही है कि हमारे तीन लोगों को गोली मारा गया है. यह जब किसी व्यक्ति के द्वारा ऐसी घटना की जाती है तो अपने बचाव में यह बातें कहीं जाती है, लेकिन इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. यही तो हम मांग कर रहे हैं. 


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बीजेपी ने कहा कि हमने रोहिणी आचार्य के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत की थी. वह भी भारत के चुनाव मुख्य चुनाव आयुक्त को बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी को और रिटर्निंग ऑफिसर को तब तक, तो यह घटना नहीं हुई थी. 20 मई को हमने 1 बजे यह जानकारी दी थी. रोहिणी आचार्य बार-बार अलग-अलग बूथ पर जाकर मतदाताओं को धमका रही हैं, उसके बावजूद भी चुनाव आयोग द्वारा जब कार्रवाई नहीं हुई. 


रिपोर्ट: सन्नी