नई दिल्ली/मुजफ्परपुर: बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड (Muzaffarpur Shelter Home) की पीड़ित 44 बच्चियों में से आठ को उनके परिवार को लोगों से मिलाने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिहार सरकार को दिया है. कल यानी बुधवार को टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें यह सुझाव दिया गया था.


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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मुजफ्परपुर शेल्टर होम रेप कांड की पीड़िताओं के लिए फंड जारी करने और अन्य जरूरी आर्थिक मदद देने का भी आदेश दिया है.


टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट में पीड़ित लड़कियों और उनके परिवार के पुर्नवास को लेकर प्लान सौंपा गया था. चाइल्ड वेलफेयर कमिटी और बिहार सरकार स्टेटस रिपोर्ट को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जवाब देनी थी. 


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि पीड़ित लड़कियों के पुनर्वास के लिए प्लान तैयार किया जाए. कोर्ट ने TISS को पीड़ित लड़कियों के पुनर्वास के लिए प्लान तैयार करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी लड़कियों के लिए अलग-अलग पुनर्वास प्लान तैयार करने के लिए कहा था.


सुप्रीम कोर्ट ने सभी लड़कियों के लिए अलग-अलग पुनर्वास प्लान तैयार करने के लिए कहा था. जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने सीबीआई को तीन महीने में जांच पूरा करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि इस मामले में आरोपियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा. 


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