पटनाः अमेरिका के सिएटल शहर में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय में बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेषकर पूर्ण टीकाकरण, मातृत्व, नवजात एवं शिशु मृत्यु दर,संस्थागत प्रसव, 6 माह तक के बच्चों के स्तनपान आदि की प्रगति की प्रशंसा की गई. परंतु प्रजनन दर एवं स्टननिंग (बौनापन) के आंकड़ों पर चिंता प्रकट किया गया.


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राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तथा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि मातृत्व मृत्यु दर को 165 से 70 तक लाने के लिए सभी जिला व अनुमंडलीय अस्पतालों में पर्याप्त रक्त भंडारण तथा सिजेरियन ऑपरेशन के वर्तमान 2 प्रतिशत को अगले 5 वर्षों में 8 प्रतिशत तक लाने के लिए व्यवस्था की जाएगी.


शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए अनुमंडल अस्पतालों में भी नवजात शिशु वार्ड की स्थापना के साथ-साथ कम वजन वाले नवजात बच्चों के ट्रैकिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा.


प्रजनन दर को कम करने के लिए बालिका शिक्षा के प्रोत्साहन के साथ बाल विवाह को रोकने,  नव दंपति को परिवार नियोजन के नए साधनों को अपनाने तथा अंतराल पर अधिकतम दो बच्चों के लिए प्रेरित करने का काम किया जा रहा है.


बिहार के इन नेताओं ने 2025 तक यक्ष्मा, 2020 तक कालाजार उन्मूलन एवं 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. टीबी उन्मूलन में निजी क्षेत्र की भागीदारी तथा डेंगू, चिकनगुनिया, जाइका एवं इंसेफेलाइटिस उन्मूलन हेतु विश्व मे चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भी चर्चा हुई.