मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में टीचर सैलरी की मांग को लेकर 6 दिनों से अनशन कर रहे हैं. नाराज टीचर्स ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. 


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साल 2017 में अनुकंपा पर 15 टीचर्स बहाल हुए थे. लेकिन आज तक उनको सैलरी नहीं मिली है. ठिठुरन भरी ठंड में नाराज टीचर्स ने शर्ट उतारकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डीपीओ के दलाल रिश्वत मांगते हैं. रिश्वत नहीं देने पर उनकी सैलरी रोक दी गई है.


साल 2017 में अनुकंपा पर मोतिहारी में बहाल हुए 15 शिक्षकों को बहाली के दिन से मोतिहारी के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से आज तक वेतन नहीं दिया गया है. अपने सर से साया उठने के बाद अनुकम्पा पर बहाल हुए इन शिक्षकों के ऊपर घर की जिम्मेदारी है. हालत यह है कि शिक्षक अब कर्ज में डूब गए हैं. 


बाकी के जिलों में अनुकम्पा पर बहाल शिक्षकों को वेतन मिल रहा है. हद तो यह भी है कि इनमें से एक शिक्षक पंकज को दो माह का तनख्वाह भी दिया गया और फिर बंद कर दिया गया.


जबकि प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने अपने पत्रांक 413 दिनांक 19-3-2019 को मोतिहारी  सहित सूबे के प्रत्येक जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखित निर्देश दिया है जिसमें  अनुकम्पा पर बहाल शिक्षकों का वेतन भुगतान करने को कहा गया है. पर पहले से ही अपने कारनामो को लेकर चर्चित रहने वाला मोतिहारी के शिक्षा विभाग को मुख्यालय के निर्देश को भी ताक पर रखने से कोई गुरेज नहीं है.


 अनशनकारी शिक्षकों का कहना है कि उनसे डीपीओ मिथलेश सिंह के दलाल रिश्वत मांगते हैं. रिश्वत नहीं देने के कारण ही पटना से चिट्ठी आने के बाद भी उनको वेतन नही दिया जा रहा है जबकि अनशनकारी एक शिक्षक ने रिस्वत दिया तो उसे रिश्वत के हिसाब से उसे दो माह का भुगतान किया गया है.