Patna: बिहार में मंत्री रामसूरत राय पर लगे आरोप का मसला इन दिनों गर्माया हुआ है. विपक्ष इस मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर है. आज भी इस मुद्दे पर विधानसभा में हो हल्ला हुआ. लेकिन बात सदन में जब नहीं बनी तो विपक्ष ने विधानसभा में धरना दिया और फिर राजभवन तक मार्च किया. राजभवन के सामने भी विपक्ष के सदस्य धरने पर बैठ गए. फिर 12 सदस्यों का शिष्ठमंडल ने राज्यपाल से भेंट कर अपना पक्ष रखा. वहीं, इस मामले को लेकर सियासत भी गरमाई हुई है. जबकि बीजेपी अपने मंत्री के बचाव में मैदान में उतरी हुई है.


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दरअसल, ये तो सुबह तेजस्वी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ही तय हो गया कि शनिवार को सदन में संग्राम होना है और हुआ भी कुछ ऐसा. सदन में जैसे ही RJD के कार्य स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर किया गया तो विपक्ष सदन से वॉक आउट कर गया. पहले विधानसभा अध्यक्ष के कमरे के पास विपक्ष धरने पर बैठ गया और फिर वहां से राजभवन के लिए निकला.


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इसके बाद तेजस्वी यादव, सीपीआई माले और कांग्रेस विधायकों के साथ मिलकर राजभवन की तरफ निकले. राजभवन पहुंचकर तेजस्वी धरने पर बैठ गए और बुलावे का इंतजार करते रहे और जब बुलावा आया तो 12 सदस्यों ने राज्यपाल से मुलाकात की. मुलाकात के बाद तेजस्वी जब बाहर आए तो एक बार फिर से मंत्री रामसूरत राय पर गंभीर आरोप लगाए. तेजस्वी ने कहा, 'हमने राज्यपाल से शिकायत किया कि रामसूरत राय पीड़ित परिवार को धमकी दे रहे हैं.'


इधर, बीजेपी अपने मंत्री के बचाव में मैदान में उतर आई. मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा, 'आरोप गलत है. किसी भी आदमी का परिवार है तो सभी लोग उससे जुड़े हुए हैं. लेकिन मंत्री रामसूरत राय का तो 2012 में ही रजिस्टर्ड पारिवारिक बटंवारा हो चुका है. इसलिए विपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाना कहीं से उचित नहीं है.


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(इनपुट-रूपेंद्र श्रीवास्तव/आशुतोष चंद्रा)