बिहार के नंबर वन जेल के मेन गेट का ही ऐसा है हाल, बंद हैं 2600 कैदी
राज्य का श्रेष्ठ जेल होने के कारण यहां खतरनाक कैदी और आतंकी भी रखे गये हैं. लेकिन आपको जानकर हैरत होगी की राज्य के मुख्य जेल का मुख्य द्वार बांस के सहारे खोला और बंद किया जाता है.
पटना: बिहार के पटना का बेउर जेल बिहार का आदर्श केन्द्रीय कारा है. यहां ढाई हजार से ज्यादा कैदी बंद हैं. राज्य का श्रेष्ठ जेल होने के कारण यहां खतरनाक कैदी और आतंकी भी रखे गए हैं. लेकिन आपको जानकर हैरत होगी की राज्य के मुख्य जेल का मुख्य द्वार बांस के सहारे खोला और बंद किया जाता है.
आदर्श केन्द्रीय कारा बेउर राज्य का नंबर वन जेल माना जाता है. यहां 26 सौ से ज्यादा कैदियों को रखा गया है. केन्द्रीय कारा होने के कारण यहां कि सुरक्षा व्यवस्था और मेंटेनेंस की व्यवस्था प्राथमिकता के तौर पर रखी जाती है. लेकिन उसके बावजूद यहां खामियां नजर आ ही जाती हैं.
आपको जानकर हैरत होगी कि बेउर जेल का मुख्य द्वार बांस के सहारे खोला जाता है. शनिवार को ऐसी ही तस्वीर कैमरे में कैद हुई जो चौकानेवाली थी. दरअसल अनंत सिंह को रिमांड पर लेने के लिए पटना पुलिस बेउर जेल पहुंची थी. अनंत सिंह को जिस वैन से जेल से बाहर ले जाना था वो वैन भी बेउर जेल पहुंची. लेकिन जेल के मेन गेट के अंदर जाने में कैदी वैन को 15 मिनट का समय लग गया.
दरअसल जेल का मेन गेट सुरक्षाकर्मियों से खुल ही नहीं रहा था. जेल के मेन गेट में स्लाईडर का इस्तेमाल किया गया है. अक्सर गेट खोलने और बंद करने के क्रम में गेट का स्लाईडर अपने ट्रैक से उतर जाता है. ट्रैक से उतरने के बाद गेट सुरक्षाकर्मियों से हिलता तक नहीं. ऐसे में सुरक्षाकर्मियों ने गेट को ट्रैक पर लाने के लिए बांस का सहारा लेते हैं.
अनंत सिंह की गाडी भी जेल के गेट के ट्रैक पर आने के इंतजार में 15 मिनट तक जेल के बाहर ही खडी रही. 15 मिनट बाद जब गेट बांस के सहारे ट्रैक पर आया तब जाकर कैदी वैन जेल के अंदर जा सकी और अनंत सिंह जेल से बाहर आ सके.
सवाल उठना लाजमी है कि अगर जल्दबाजी में गेट खोलने और बंद करने की नौबत आयी तो फिर क्या होगा. क्या आदर्श केन्द्रीय कारा की ये व्यवस्था आदर्श मानी जा सकती है. क्या जेल प्रशासन ऐसी छोटी खामियों के चलते किसी बडे हादसे का इंतजार कर रहा है. जिसका जवाब ढूंढना बेहद जरुरी है.