परसा: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election) का शबाब कोरोना काल में भी अपने चरम पर है. कई ऐसी सीटें हैं जिसपर बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों और जनता की नजर गड़ी हुई है. ये वो सीटें हैं जो हॉट सीट में तब्दील हो गई हैं. ऐसी ही एक सीट है परसा विधानसभा सीट जहां से पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय के बेटे और परसा से 6 बार के विधायक चंद्रिका राय (Chandrika Rai) इस बार जेडीयू के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं.


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परसा विधानसभा सीट जेडीयू के लिहाज से कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) यहां पर चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. परसा से तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के ससुर चंद्रिका राय मैदान में हैं जो यहां से छठी बार विधायक रहे हैं. उन्होंने लालू परिवार से अपनी नाराजगी के बाद खेमा बदल लिया है और अब लालटेन की जगह तीर के निशान के साथ चुनावी समर में वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.


तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या अपने पिता के लिए कर रहीं भावुक अपील
परसा विधानसभा सीट पर चुनावी प्रचार के लिए कई दिग्गजों का जमावड़ा भी लग रहा है. बीजेपी नेताओं से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक यहां पर चंद्रिका राय के पक्ष में वोट मांगने के लिए पहुंच रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या भी कई दफा अपने पिता के पक्ष में प्रचार करती नजर आ रही हैं. ऐश्वर्या बड़ी भावुक हो कर लोगों से अपने पिता को जिताने की अपील कर रही हैं. उन्होंने इस लड़ाई को वर्चस्व और अपने खोए हुए सम्मान की लड़ाई बना दी है.


पिछले चुनाव का समीकरण
अब जरा परसा विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास समझते हैं. परसा विधानसभा सीट हमेशा से आरजेडी का एक गढ़ रहा है. पिछली बार महागठबंधन की तरफ से आरजेडी के उम्मीदवार चंद्रिका राय ने यहां जीत दर्ज की थी. उन्होंने एलजेपी के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी छोटेलाल राय को 42,000 से अधिक वोटों से पराजित किया था. इससे पहले 2010 में छोटेलाल राय ने पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय के बेटे चंद्रिका राय को दो बार सियासी पटखनी दी थी.


परसा विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
1951 से लेकर 1972 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे दारोगा राय यहां से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुनकर आते रहे. 1977 में कांग्रेस के ही टिकट पर हार भी गए जब जनता पार्टी की सरकार बनी थी. 1980 में फिर से कांग्रेस के टिकट पर ही 7वीं बार विधायक चुनकर आए. 1985 से शुरू हुआ दारोगा राय के बेटे चंद्रिका राय का सियासी सफर. 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधायक बन कर आए. 1990 में टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही चुनाव लड़े और जीते. 


फिर आया 1995 का विधानसभा चुनाव जब चंद्रिका राय जनता दल की टिकट पर चुनाव में उतरे और विधायक चुने गए. 2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर चंद्रिका राय चौथी और पांचवीं बार विधायक बने. 2010 के विधानसभा चुनाव में समीकरण बदला और 1985 के बाद पहली बार दारोगा राय के परिवार का कोई शख्स चुनाव हार जाता है. एलजेपी के छोटेलाल राय वो शख्स थे, जिन्होंने चंद्रिका राय को पटखनी दी.


2015 के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो परसा विधानसभा सीट पर कुल 2,49,874 वोटरों की संख्या थी. 2015 के विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत 50 फीसदी के पार था. 


अब देखना यह है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी क्या चंद्रिका राय को सबक सिखाएगी या सांतवीं बार विधायक बन कर चंद्रिका राय वर्चस्व और सम्मान की लड़ाई जीत पाएंगे.