रांची: अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) पर आए फैसले के बाद झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) के लोगों ने एक बार फिर एकता की मिसाल पेश की है. सभी ने मिलकर एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाई. वहीं, भाईचारे का संदेश भी दिए. शहर के अलग-अलग इलाकों में बने मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारे की यह तस्वीर भले ही अलग-अलग धर्मों की गवाही दे रही है, रांची का यह खुशगवार माहौल शहर में अनेकता में एकता की तस्दीक करता है.


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राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद अल्बर्ट एक्का चौक पर सभी धर्मों के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाई साथ ही एक-दूसरे को गले भी लगाया.


अयोध्या विवाद पर आए फैसले के बाद सभी धर्मों के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भाईचारा बरकरार रखने की अपील भी की है. लोगों की मानें तो शहर का आपसी सौहार्द हमेशा से बना रहा है और इस फैसले के बाद भी भाईचारा कायम है.


बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर फैसला दे दिया है और फैसले के बाद भी राजधानी रांची की भाईचारे पर आपसी सौहार्द बरकरार है, जो हमेशा की तरह इस बार भी अपने आप में एक मिसाल कायम कर रहा है.


ज्ञात हो कि फैसले सुनाते हुए सीजेआई ने कहा कि बाबर के समय मीर बाकी ने मस्जिद बनवाई थी. 1949 में दो मूर्तियां रखी गई थी. बाबरी मस्जिद हिंदू स्ट्रक्चर के ऊपर बनाई गई. यह मस्जिद समतल स्थान पर नहीं बनाई गई. एसआई की खुदाई में 21वीं सदी में मंदिर के साक्ष्य मिले. सीजेआई ने कहा की खुदाई के साक्ष्यों को अनदेखा नहीं कर सकते हैं. खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले थे. सीजेआई ने यह भी कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू वहां राम चबूतरे और सीता रसोई पर पूजा होती रही थी.


सीजेआई ने कहा है कि एएसाई की खुदाई में जो चीजें मिली हैं उसे हम खारिज नहीं कर सकते हैं. सीजेआई ने कहा कि खुदाई से मिले दस्तावेजों को खारिज नहीं कर सकते हैं. कहा कि थोड़ी देर में तय हो जाएगा कि जमीन पर मालिकाना हक किसका है. सीजेआई ने कहा कि आस्था और विश्वास पर कोई सवाल नहीं है. सीजेआई ने कहा श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था इसमें कोई शक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने रामलला को कानूनी मान्यता दी. 


सीजेआई ने कहा कि 1856 से 57 तक उस स्थान पर हिंदुओं को पूजा करने से रोका नहीं गया था. सदियों से हिंदुओं द्वारा वहां पूजा किए जाना यह साबित करता है कि उनका विश्वास है उस स्थान पर रामलला विराजमान है.


सीजेआई ने कहा कि बाहरी प्रांगण में हिंदू पूजा करते रहे हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले के तीन हिस्से किए ये तार्किक नहीं है.केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर निर्माण की योजना बनाए. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाकर मंदिर बनाने की योजना तैयार करे. मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रामलला के पक्ष में सुनाया. मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए.