यहां दवा नहीं डंडा मिलता है, 500 रुपए में छड़ी वाले बाबा का अनोखा इलाज, वीडियो वायरल
Vaishali News: वैशाली में 500 रुपए लेकर डंडे से पिटाई करने वाले छड़ी वाले बाबा पर प्रशासन ने कार्रवाई की है. स्वास्थ्य विभाग ने डंडे से पिटाई वाले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले पर संज्ञान लिया और कार्रवाई की. कार्रवाई को देखते हुए बाबा फरार हो गए.
Vaishali: बिहार में डंडे से लोगों का इलाज करने वाले छड़ी वाले बाबा की असली सच्चाई सामने आई है. जब वैशाली से लेकर हाजीपुर के औद्योगिक थाना क्षेत्र में छड़ी वाले बाबा के अस्पताल पर प्रशासन ने शिकंजा है. वहीं, आप बाबा के कारनामे सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे. दरअसल, बाबा बदन दर्द और कई अंदरूनी बीमारियों को मिनट में ठीक कर देने का दावा डंडे करता है. वह डंडे से मरीज की बर्बरता से पिटाई करते हुए इलाज करता था. अब छड़ी वाले बाबा का डंडे से मरीज का इलाज करते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने संज्ञान ने लिया और कार्रवाई की. प्रशासन की कार्रवाई को देखते हुए बाबा अपना घर और दुकान छोड़ फरार हो गए.
सिविल सर्जन डॉक्टर श्याम नंदन प्रसाद ने बताया कि एक वीडियो हम लोगों ने देखा है. छड़ी से पिटाई करके बीमारी को ठीक करने का ऐसा कोई पढ़ाई नहीं होती है. उन्होंने कहा कि इलाज की जो भी प्रक्रिया है वह चिकित्सा पद्धति में डेवलप हो चुकी है कि हर बीमारी का इलाज मुख्य रूप से अस्पताल में उपलब्ध होता है.
डॉक्टर श्याम नंदन प्रसाद ने कहा कि किसी भी तरीके की बदन दर्द या अन्य बीमारी हो, हमारे अस्पताल में आए सभी मुक्त में इलाज किए जाते हैं या उनके नजदीकी जो प्राथमिक की स्वास्थ्य केंद्र है वहां पर जाए और इलाज कराएं. इन सब चीजों में ना पड़े. अंध भक्ति ना दिखाएं, कौन सा दवा दिया जाता है, उसकी भी हम लोग जांच करेंगे और अगर कहीं से दवा बिक्री का लाइसेंस हुआ तो उसको भी हम लोग कैंसिल करेंगे. इनके खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज होगा और जेल जाएंगे बाबा.
बता दें कि ऋषि बाबा इलाज के नाम पर मरीज को दवा सुई कि जगह जगह डंडे से पिटाई करते हैं. वह एक मरीज से 500 रुपए लेकर इलाज करते थे. बाबा के अस्पताल में हर दिनों भारी संख्या में लोग अपनी बीमारी का इलाज कराने आते थे. उन सभी का इलाज छड़ी वाले बाबा डंडे से पिटाई करके इलाज करते थे. पिटाई ऐसी करते थे कि मरीज का दर्द कम होने के बजाय बढ़ जाता था, फिर लोग इलाज करवाने आते थे.
रिपोर्ट: रवि मिश्रा