Bihar Politics: बिहार की राजनीति में `जाति` है जो कभी जाती नहीं! देखें स्पेशल रिपोर्ट
सौरभ झा Sun, 01 Sep 2024-11:00 pm,
बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण साधने का सिलसिला जारी है, लेकिन हाल के घटनाक्रम ने इसे एक बार फिर केंद्र में ला दिया है. अशोक चौधरी का बयान, स्वर्ण सेना का विरोध, राजद का जातीय जनगणना को लेकर प्रदर्शन, और प्रशांत किशोर का मुस्लिम समुदाय पर बयान—ये सभी घटनाएं यह संकेत देती हैं कि बिहार की राजनीति में जाति आधारित ध्रुवीकरण अभी भी मजबूत है. इस स्थिति में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह जाति आधारित राजनीति बिहार में ऐसे ही चलती रहेगी, या फिर इसमें कोई बड़ा बदलाव आएगा? इस पर आपकी क्या राय है? क्या आप भी सोचते हैं कि बिहार में जाति आधारित राजनीति का अंत होना चाहिए, या फिर यह राजनीति का एक स्वाभाविक हिस्सा है?