Chhath Puja 2024: क्या है छठ पूजा के संध्या अर्घ के बाद कोसी भरने की परंपरा, यहां जानें

सौरभ झा Thu, 07 Nov 2024-8:56 pm,

Chhath Puja Tradition of filling Kosi: छठ पूजा में कोसी भरना एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जो संतान सुख और परिवार की खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि इस परंपरा की शुरुआत सीता माता ने की थी. संध्या अर्घ्य के बाद परिवार के सभी सदस्य मिलकर गन्ने से घेरा बनाते हैं और उसमें मिट्टी के हाथी व रगोई सजाते हैं. कोसी भरने की इस परंपरा में संतान प्राप्ति की मन्नत पूरी होने पर विशेष पूजा होती है. पूजा के आरंभ में सिंदूर चढ़ाकर दीप जलाया जाता है और कलश में फल, ठेकुआ व अन्य सामग्री रखी जाती है. यह अनुष्ठान परिवार व समाज में एकता और समर्पण का संदेश देता है.

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