मिथिलांचल के इस मंदिर में सिर्फ महिलाएं ही करवाती है पूजा

Mon, 20 Jun 2022-12:11 pm,

अगर आप मिथिलांचल जाएं और भगवान राम का जिक्र ना हो. मां सीता की चर्चा ना हो और मां अहिल्या का वर्णन ना हो. ये तो संभव ही नहीं है. अहिल्या नामक ये स्थान मां सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. मां अहिल्या के बारे में रामायण में भी विस्तार से जिक्र किया गया है. पुराने धर्म ग्रंथों के मुताबिक जब इंद्र ने छल पूर्वक अहिल्या के पति का वेश धारण कर इनके साथ धोखा किया. तो गौतम ऋषि ने क्रोध में आकर इंद्र के साथ-साथ अपनी पत्नी अहिल्या को भी श्राप दे दिया था. हालांकि कुछ ही समय बाद गौतम ऋषि को अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्होंने श्राप से मुक्ति के लिए वरदान देते हुए कहा था. जब राम इस वन में प्रवेश करेंगे. तभी उनकी कृपा से तुम्हारा उद्धार हो जाएगा. उसी श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान राम को भी मिथिलांचल आना पड़ा था.

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