देश के इस क्रांतिकारी के दहाड़ से कांपते थे अंग्रेज

Thu, 11 Aug 2022-3:44 pm,

मगध की धरती आंदोलनों की जननी रही है...हर काल में मगध रक्त सिंचित आंदोलनों को जन्म देता रहा है.... फिर चाहे वो चाणक्य का समय रहा हो... या .... अंग्रेजों के ख़िलाफ़ लड़ा गया स्वतंत्रता आंदोलन.... मुंगेर , भागलपुर, भोजपुर, आरा , सिवान बलिया और किशनगंज जैसे ज़िलों से आंदोलनकारियों की पौध तैयार हुई.....जिनके जज़्बे ने ना सिर्फ़ अंग्रेज़ी हुकूमत की नींव हिला दी.... बल्कि भारत माँ को ग़ुलामी के शिकंजे से आज़ाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.... इन्हीं क्रांतिकारियों में से एक थे वीर कुंवर सिंह..... अपने खून और पसीने से अभिसिंचित करने वाले इस वीर स्वतंत्रता सेनानी का जन्म 13 नवम्बर 1777 में.....बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव के एक क्षत्रिय जमीनदार परिवार में हुआ था… 1857 में अंग्रेजी हुकूमत के ख़िलाफ़ इन्होंने बिगुल फूंक दिया.... इस आह्लान में ना तो कोई जाति था और ना तो कोई मजहब.... अगर कुछ था तो सिर्फ़ और सिर्फ़ देश भक्ति....जो हर हाल में अपने देश को गुलामी की जंजीरो से छुड़ाना चाहता था....इसी आह्लान में बलिया के मंगल पांडे की बहादुरी ने देशभर में तहलका मचा दिया... और बिहार के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में आग भड़क उठी...

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