संसद कांड के ये हैं सारे अहम सबूत, जलता हुआ मोबाइल, कपड़े और...

ऋषिका मिश्रा Dec 17, 2023, 14:13 PM IST

हर दिन के तरह इस दिन भी शीतकालीन सत्र में शामिल होने. सभी सांसद संसद भवन पहुंचे थे. सत्र भी उस तरह से शुरू हुआ था. जिस तरह से सामान्य दिनों में होता है. लेकिन ये तारिख बाकी तारीखों से अलग थी. 22 साल पहले भी इसी तारीख को भारत की अस्मिता पर हमला हुआ था. वो दिन भुलाए नहीं भूला था. कि फिर से ज़ख़्म हरे हो गए और एक बार फिर इतिहास ने ख़ुद को दोहराया था. दोनों घटनाओं में फर्क सिर्फ ये था कि उस घटना को अंजाम देने वाले आतंकी के वेश में थे.और इस घटना को नतीजे तक पहुंचाने वाले शख्स न केवल देश के थे बल्कि अपनी हताशा में थे.

More videos

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link