Garama Moong

अप्रैल महीने से ही आप अपने खाली पड़े खेत में गरमा मूंग या सीजनी सब्जी की खेती करें. 10 अप्रैल से किसान भाइयों को इसकी बुआई कर देनी चाहिए. इससे कम लागत में अधिक मुनाफा होगा और अच्छे दाम भी मिलेंगे.

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Apr 08, 2024

Moong Kheti

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर के.के.एम. सिंह ने बताया कि मूंग दलहनी फसल है और इसकी खेती करने से कृषि जगत में काफी फायदे होते हैं. उन्होंने बताया कि मूंग दलहन में सुपाच्य और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होते हैं, जिससे इसे सभी वर्ग के लोग आसानी से प्रयोग कर सकते हैं.

Moong Kheti Kaise Kare

जब आप मूंग की फसल को उगा लें, तो इसे हरा चारे के रूप में भी मवेशी पालक को बेच दें. फिर बाद में जुताई करें. 60 से 80 दिनों में आपकी फसल पूरी तरह से तैयार हो जाएगी. इससे आपको अच्छा मुनाफा होगा.

Moong Benefits

मूंग दलहन की खेती कई लोगों के लिए रोजगार का साधन भी होता है. जब लोग मूंग दाल की उपज करते हैं, तो उन्हें दलिया, मिठाई, हलवा और अन्य स्वादिष्ट मिठाइयां तैयार करने का मौका मिलता है. इससे उन्हें रोजगार की व्यवस्था प्राप्त होती है.

Garama Moong Kheti

जब मूंग का फलन तैयार होता है, तो उस समय पौधों को समय पर पानी देना बहुत जरूरी होता है ताकि फल और फूल अच्छे रहें. हालांकि इस दौरान मूंग को बीमारी भी हो सकती है, जैसे की पीला सिरम. जिससे पत्ते पीले और चितकबरा हो जाते हैं. इसमें एक प्रकार की मक्खी भी होती है जो पौधे और फलन दोनों के लिए खतरनाक होती है.

Garama Moong Farming

कीटों से फसल को बचाने के लिए फूल लगने से पहले ही मेरिडाक्लोफिड नामक दवा को 2 लीटर पानी में 70 मिलीलीटर से 1 मिलीलीटर की मात्रा में घोलकर स्प्रे करें. इसे हर 15 दिन में दोबारा स्प्रे करें. इस तरह से कीटों का सामना करने में मदद मिलेगी और फसल की सेहत और मजबूती भी बनी रहेगी. इससे मार्केट में भी फसल कीमत अच्छी मिलेगी.

Farming Will be Beneficial in April

यूनिवर्सिटी के अनुसार लोगों को मूंग दाल का दाम 1500 रुपये प्रति किलो मिलता है. लेकिन बाजार में यह दाल 70-80 रुपये प्रति किलो मिलती है. हालांकि किसान इसका बीज भी खुद तैयार कर सकते हैं. इससे कम लागत में अधिक मुनाफा हो सकता है.

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