Touching Feet: भारत में कब और कैसे शुरू हुई चरण स्पर्श करने की परंपरा, क्या है इसका महत्व?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Dec 11, 2024

चरण स्पर्श

हमारे देश भारत में सदियों से हिंदू धर्म में पैर छूने की परंपरा चली आ रही है. इसे चरण स्पर्श और प्रणाम करना भी कहा जाता है

पैर छूने की परंपरा

मान्यता है कि पैर छूने की परंपरा वैदिक काल से चलती आ रही है. जो कि सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग से निरंतर कलियुग तक चलती आ रही है.

भारतीय संस्कृति

चरण स्पर्श करना हमारे भारतीय संस्कृति और संस्कार की पहचान है. इसे बड़ों को सम्मान देने के तौर पर किया जाता है.

आशीर्वाद

ईश्वर हो या इंसान चरण स्पर्श करने से व्यक्ति को आशीर्वाद प्राप्त होता है.

नवग्रहों के दोष

अपने से बड़ों का चरण स्पर्श करने से व्यक्ति के जीवन में मौजूद नवग्रहों के दोष दूर होते हैं.

सकारात्मक ऊर्जा

चरण स्पर्श करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

श्रद्धा और करुणा

बड़ों के पांव छूने से व्यक्ति के अंदर श्रद्धा और करुणा के भाव का संचार होता है.

अहंकार

बड़ों के पैर छूने से मन में उत्पन्न हो रहे अहंकार और नकारात्मकता कम होती है.

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