Holi Special Fagua Song: होली में क्या है ‘फगुआ’ गानों का महत्व, जिसके बिना अधूरा है ये त्योहार

फगुआ गाना

बिहार और झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी होली का असली मजा फगुआ गाने के साथ ही आता है.

होली 2024

उत्तर भारत के कई राज्यों में वसंत पंचमी के बाद से ही होली के गीत गाए जाने का सिलसिला शुरू हाता है जो होली तक जारी रहता है.

फगुआ कैसे गाते हैं?

होली के गीतों को कई लोग फाग कई लोग फगुआ भी कहते हैं. कई लोकगायकों और गीतकारों ने फगुआ को एक परंपरा के रूप में विकसित किया है.

बिहार में फगुआ गीत

बिहार में सुबह के समय रंग और शाम को अबीर गुलाल से होली खेलते हैं इसी समय दरवाजे पर घूम- घूमके फगुआ गाने की परंपरा भी है.

होली गीत

गांवों में हर घर के दरवाजे पर फगुआ लोकगीत गाए जाने की परंपर है, जिसे फाग भी कहते हैं.

फगुआ गीत

फगुआ में गानों के माध्यम से होली के रंगों, प्रकृतिक खूबसूरती, भगवान कृष्ण और राधा की लीलाओं और पवित्र प्रेम समाहित होता है.

धुड़खेल होली

बिहार के कई क्षेत्रों में लोग होली के दिन धूल-मिटटी से भी होली खेलने की भी परंपरा है, जिसे धुड़खेल कहा जाता है.

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