Indian Railway: ट्रेन के इंजन में क्यों नहीं होता टॉयलेट, लोको पायलट कैसे करते हैं मैनेज?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Oct 06, 2024

भारतीय रेलवे

भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. जिससे लाखों लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं.

टॉयलेट

जो लोग ट्रेन से सफर करते हैं, उन्होंने कभी न कभी ये जरूर नोटिस किया होगा कि ट्रेन के इंजन में टॉयलेट की सुविधा नहीं होती है.

वजह

आखिर इंजन में टॉयलेट की सुविधा क्यों नहीं होती, क्या है इसके पीछे की वजह? चलिए हम आपको बताते हैं.

समस्या

ट्रेन के इंजन में टॉयलेट की सुविधा न होने की वजह से लोको पायलट को सफर के समय कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

इंजन

लोको पायलट कम से कम 10 से 12 घंटे तक ट्रेन के इंजन में रहता है.

जगह की कमी

ट्रेन के इंजन में जगह की कमी होने के कारण उसमें टॉयलेट की सुविधा नहीं होती है.

यात्रा के समय

इसलिए लोको पायलट यात्रा के दौरान न तो खा पाता है और न ही शौचालय जा पाता है.

अगले स्टेशन

अगर किसी लोको पायलट को शौचालय जाना हो, तो उसे अगले स्टेशन आने का इंतजार करना पड़ता है.

ब्रेक

इसके साथ ही लोको पायलट को सिग्नल को कॉल करना होता है और पीएनबी से व्यक्तिगत जरूरतों के लिए ब्रेक मांगना पड़ता है.

प्रायोगिक

देश के कुछ डिवीजनों में प्रायोगिक तौर पर ट्रेन के इंजन में टॉयलेट की सुविधा शुरू की गई थी, लेकिन सफाई समेत संचालन संबंधी कारणों के वजह से इसे रोक दिया गया.

शौचालय

भारतीय रेलवे के ज्यादातर इंजन में शौचालय की सुविधा नहीं है.

बायो-टॉयलेट

भारतीय रेलवे के सिर्फ 97 इंजन में ही 'बायो-टॉयलेट' लगे हुए हैं.

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