Jhijhiya: डायनों से परिवार को बचाने के लिए मिथिला की महिलाएं करती हैं ये नृत्य, जानें यहां इसके पीछे की महत्वता

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Oct 07, 2024

नवरात्रि

बिहार और नेपाल के मिथिलांचल क्षेत्र की महिलाएं नवरात्रि के दसों दिन एक पारंपरिक नृत्य को करती हैं, जिसे झिझिया के नाम से जानते हैं.

लोक नृत्य

झिझिया मिथिलांचल क्षेत्र की पारंपरिक लोक नृत्य है, जिसे वहां की महिलाएं सदियों से करती आ रही हैं.

मान्यता

नवरात्रि के दसों दिन किए जाने वाले इस नृत्य के पीछे कई मान्यता और महत्व हैं.

देवी दुर्गा

मिथिलांचल का प्रमुख लोक नृत्य झिझिया देवी दुर्गा को समर्पित हैं.

घड़े

झिझिया नृत्य को महिलाएं अपने सिर पर मिट्टी से बने घड़े को रख कर करती हैं, सिर पर रखे घड़े में कई छेद होते हैं साथ ही इसके अंदर एक जलता दीपक होता है.

गोल घेरा

झिझिया नृत्य महिलाएं गोल घेरा बनाकर करती है, गोल घेरा के बीच में मुख्य नर्तकी होती है.

काला जादू

कहा जाता है कि महिलाएं ये नृत्य अपने परिवार और बच्चों को डायन-जोगिन और काला जादू से बचाने के लिए करती हैं.

नर्तकी

मान्यता तो ये भी है कि अगर झिझिया करते समय कोई डायन महिला के घड़े में बने छेद को गिन ले तो, इससे नर्तकी की तुरंत मौत हो जाती है.

इष्टदेव

इसलिए नर्तकी नृत्य के दौरान बुरी नजर से बचाव के लिए इष्टदेव ब्रह्म बाबा और माता भगवती से प्रार्थना करती हैं.

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