Rainbow Flag: LGBT+ समुदाय के लिए इंद्रधनुष क्यों हैं विविधता, एकता और गर्व का प्रतीक, कैसे बना ये इनकी पहचान? जानें यहां
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Oct 07, 2024
LGBT+ समुदाय
इंद्रधनुष यानी रेनबो में पाए जाने वाले अलग-अलग रंगों को LGBT+ समुदाय के लिए विविधता, एकता और गर्व का प्रतीक है.
प्रकृति
ऐसा इसलिए क्योंकि इंद्रधनुष में पाए जाने वाले रंग, प्रकृति में पाए जाते हैं और खुले आसमान में इंद्रधनुष बनना भी एक प्राकृतिक घटना है.
रोचक तथ्य
इंद्रधनुष के रंगों को LGBT+ समुदाय के लिए विविधता, एकता और आदर्श का प्रतीक माना जाता है. चलिए हम आपको इससे जुड़े कुछ रोचक बातों के बारे में बताते हैं.
पहचान
इंद्रधनुष में पाए जाने वाला रंग LGBT+ समुदाय को दर्शाता है. इंद्रधनुषी झंडा LGBT+ समुदाय की पहचान है.
प्रतीके
वैसे तो इंद्रधनुषी झंडा के अलावा LGBT+ समुदाय को दर्शाने के लिए कुछ और भी प्रतीके हैं. जैसे- छोटा ग्रीक अक्षर लैम्ब्डा (λ), गुलाबी त्रिकोण और काला त्रिकोण.
इंद्रधनुषी झंडे
इंद्रधनुषी झंडा को LGBT+ प्राइड फ्लैग और डायवर्सिटी फ्लैग के नाम से भी जाना जाता है.
प्रतीक
इंद्रधनुषी झंडा LGBT+ समुदाय के लिए सबसे प्रसिद्ध और मान्यता प्राप्त प्रतीक है. जिससे उनकी पहचान होती है.
पहला झंडा
इंद्रधनुषी झंडा को सबसे पहले साल 1978 में समलैंगिक कलाकार गिल्बर्ट बेकर ने बनाया था.
इंद्रधनुषी झंडा
वैसे तो इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं, लेकिन इंद्रधनुषी झंडा में 6 रंग ही होता है. वो हैं- लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला और बैंगनी.
रंग का महत्व
इंद्रधनुषी झंडे में पाए जाने वाले सभी रंग का अपना एक अलग महत्व है. जैसे- लाल रंग जीवन का प्रतिक, नारंगी रंग स्वास्थ्य, पीला रंग धूप, हरा रंग प्रकृति, नीला रंग सद्भाव और बैंगनी रंग आत्मा का प्रतीक है.
परेड
LGBT+ समुदाय का प्रतीक इंद्रधनुषी झंडा को सबसे पहले साल 1978 में सैन फ्रांसिस्को समलैंगिक स्वतंत्रता परेड में दिखाया गया था.
प्रतीक
जिसके बाद इंद्रधनुषी झंडा LGBT+ समुदाय के लिए एकजुटता, विविधता और गर्व का प्रतीक बन गया.