Muslim Marriage Facts: क्या मुसलमानों में भी हैं दहेज प्रथा का चलन?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Dec 11, 2024

हिंदू शादी

हिंदुओं में लड़की की शादी के समय लड़के पक्ष को लड़की पक्ष की ओर से एक मोटी रकम, गाड़ी, गहने और कई महंगे सामान दिए जाते हैं. जिसे दहेज कहा जाता है, हिंदू शादियों में होने वाला ये चलन सदियों से चलता आ रहा है.

इस्लामिक शादी

ऐसे में बहुत लोगों के मन में सवाल उठता होगा कि क्या मुसलमानों में भी शादी के समय दहेज प्रथा का चलना है. चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.

नहीं देना होता दहेज

बता दें कि मुसलमानों में शादी के समय दहेज देना का कोई चलन नहीं है. मुस्लिम लड़की के पिता को अपनी बेटी के निकाह के समय दहेज नहीं देना होता है.

दहेज

मुस्लिम शादियों में दहेज लेना मना है. इस्लाम में निकाह के समय लड़की पक्ष से दहेज लेना गलत है.

मेहर

मुस्लिम शादियों में दहेज देने का कोई रिवाज नहीं है, लेकिन निकाह में मेहर नामक एक रस्म जरूर से होती है.

तौफा

रस्म मेहर मुस्लिम शादियों में निकाल से पहले की जाती है. ये रस्म लड़का पक्ष की ओर से किया जाता है. जिसमें होने वाला शौहर अपनी होने वाली बेगम को एक रकम तौफा के रूप में देता है.

शौहर का फर्ज

निकाह से पहले होने वाली बेगम को मेहर देना मुस्लिम शादियों में शौहर का फर्ज माना गया है.

मेहर का रकम

मुस्लिमों में निकाह के समय लड़की के पास मेहर का रकम होना जरूरी होता है.

वजह

मुस्लिम शादियों में लड़की को होने वाले शौहर के द्वारा मेहर देने के पीछे यह भी वजह है कि अब लड़की को अपने मां-बाप का घर छोड़ शौहर के घर जाना होगा.

खर्चे

निकाह से पहले लड़के की ओर से होने वाली बेगम को मेहर में दी गई रकम, उसके खर्चे के लिए दी जाती है.

दहेज और मेहर

मेहर और दहेज दोनों की अलग-अलग कॉन्सेप्ट हैं, दहेज में लड़की पक्ष को लड़के को रकम और कई महंगे सामान देने होते हैं. जबकि मेहर में निकाह से पहले लड़का अपनी होने वाली बेगम को रकम देता है.

जायज

वैसे मुस्लिम शादी में अगर लड़की पक्ष अपनी इच्छा और खुशी से लड़के वालों को कोई तोहफा या सामान देना चाहते हैं, तो वो दे सकते हैं. इसके लिए कोई मनाही नहीं है. यह जायज है.

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