Navratri 2024: नवरात्रि के 9 दिन बिहार के इन नौ मंदिरों में करें दर्शन, हर मनोकामना होगी पूरी

Kajol Gupta
Apr 09, 2024

चैत्र नवरात्रि

आज से यानी 9 अप्रैल मंगलवार से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है.

मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिर

इसी के साथ मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों में भी भक्त दर्शन के लिए जाते हैं. ऐसे में आइए हम आपको मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताते है.

पटन देवी मंदिर, पटना

राजधानी पटना में स्थित बड़ी पटन देवी या फिर पाटन देवी माता के 51 शक्तिपीठों में से एक है. बताया जाता है कि देवी सती के शरीर का दाहिना जांघ यहां गिरा था.

जानकी मंदिर, सीतामढ़ी

बिहार के सीतामढ़ी में भव्य जानकी मंदिर है. इस मंदिर को माता सीता का जन्म स्थल माना जाता है. यहां एक जानकी कुंड नाम का सरोवर भी है. इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है.

चंडिका देवी मंदिर, मुंगेर

बिहार में मुंगेर में मां चंडिका देवी का प्रसिद्ध शक्तिपीठ मंदिर है. बताया जाता है कि यहां पर मां सती की दाई आंख गिरी थी. इस मंदिर में सोने से गढ़ी आंख स्थापित है.

छोटी पटन देवी, पटना

बिहार की राजधानी पटना में छोटी पटन देवी मंदिर स्थित है. मान्यताओं के अनुसार, यहां देवी सती के पट और वस्त्र गिरे थे. बताया जाता है कि जहां वस्त्र गिरा था वहां मंदिर बनाया गया है.

शीतला मंदिर, बिहार शरीफ

बिहारशरीफ के मघरा गांव में स्थित प्राचीन शीतला मंदिर प्रसिद्ध शक्तिपीठ में से एक है. जानकारी के अनुसार, यहां पर मां सती के हाथ का कंगन गिरा था. मान्यता है कि इस मंदिर में जल अर्पित करने से कई बीमारियां दूर होती है.

चामुंडा मंदिर, नवादा

बिहार के नवादा में प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक चामुंडा मंदिर है. बताया जाता है कि मां सती का सिर कटकर यहीं गिरा था. इस मंदिर में मां चामुंडा की प्राचीन मूर्ति स्थापित भी है.

मां तारा चंडी, सासाराम

बिहार के सासाराम में माता के शक्तिपीठों में से एक तारा चंडी मां का मंदिर स्थित है. जहां नवरात्र में भक्तों की भारी भीड़ होती है.

काली बाग मंदिर, बेतिया

बिहार के बेतिया में कालीबाग मंदिर स्थित है. इस मंदिर में 365 देवी देवताओं की मूर्तियां है.

उग्रतारा मंदिर, सहरसा

बिहार के सहरसा में उग्रतारा शक्तिपीठ मंदिर स्थित है. बताया जाता है कि यहां मां सती की बाई आंख गिरी थी.

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