Kanya Pujan Niyam: कन्या पूजन में कितनी उम्र तक की लड़कियों को किया जाता हैं आमंत्रित?
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Oct 09, 2024
नवरात्रि
नवरात्रि में जो भक्त माता की श्रद्धा अनुसार, विधि पूर्वक पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं. उन्हें माता का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं. परिवारजनों पर माता की कृपा बनी रहती हैं.
भक्त
नवरात्रि में माता के भक्त अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं. जिसे कंजक पूजा या कुमारी पूजा के नाम से भी जाना जाता है.
अष्टमी, नवमी
नवरात्रि के अष्टमी तिथि को मां महागौरी और नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा होती हैं. इसलिए इन दिनों में कन्या पूजन करना काफी शुभ होता है.
आमंत्रित
चलिए हम आपको बताते हैं कि कन्या पूजन में कितनी उम्र तक की लड़कियों को आमंत्रित किया जा सकता है?
उम्र
नवरात्रि में कन्या पूजन के लिए आम तौर पर 2 से 10 साल की उम्र की लड़कियों को आमंत्रित किया जा जाता है.
सम्मान
देवी के सम्मान के रूप में नौ बाल कन्याओं को माता के नौ रूप मानते हुए अष्टमी और नवमी तिथि को आमंत्रित किया जाता है.
लंगूर
इसके साथ एक बाल लड़के को लंगूर के रूप में आमंत्रित किया जाता है. जिसे लोगड़ा भी कहा जाता है. ये बटुक भैरव का रूप माने जाते हैं.
नारी सम्मान
नवरात्रि में किए जाने वाले कन्या पूजन को समाज में नारी सम्मान का प्रतीक माना जाता है. कन्या पूजन के बाद ही श्रद्धालुओं का नवरात्रि व्रत संपन्न होता है.
शुद्धता
कन्या पूजन में शुद्धता का ध्यान रखना सबसे अहम होता है. इसके साथ ही आमंत्रित किए गए सभी नौ बाल कन्यायों और एक लंगूर की पहले तो विधिपूर्वक पूजा की जाती है.
पांव
जिसमें श्रद्धालु सभी कन्या और लंगुर के पांव को धोते हैं. उनकी आरती उतारते हैं, तीका लगाते हैं. फिर उन्हें आदर से आसन पर बिठा कर पवित्र भोजन कराते हैं.
भोग
कन्या पूजन में कन्याओं को भोग पूड़ी, हलवा, चने, मिठाई, फल, खीर, आदि का लगया जाता है. सभी कन्याओं को प्रेम पूर्नवक भोजन कराने के बाद उन्हें तौफा दिया जाता है. आशीर्वाद लिया जाता है.
भोजन
इसके साथ ही सभी कन्याओं को खोइछा भी दिया जाता है. ये कन्याओं को भोजन कराने से पहले ही दीया जाता है.
खोइछा
कन्याओं के खोइछा में पान, पैसा, अरवा चावल, हल्दी की गांठ, फूल, दूर्वा, मिठाई, मावा, श्रृंगार का सामान, आदि चीजें दी जाती हैं.