Chanakya Niti: मनुष्य को कभी भी अपने इन 3 कृत से संतुष्ठ नहीं होना चाहिए!
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Aug 26, 2024
Acharya Chanakya
भारत के विद्वान व्यक्तियों में से एक आचार्य चाणक्य ने अपने जीवनकाल में कईयों नीतियों की रचना की थी.
Chanakya Niti
आचार्य चाणक्य द्वारा लिए गए नीति शास्त्र को जीवन में अपनाने वाला व्यक्ति कभी हताश, निराश, और शक्तिहीन नहीं हो सकता है.
Niti Shastra
आचार्य चाणक्य के लिए नीति शास्त्र को देश के वेद, पुराण और भारतीय संस्कृति के महान ग्रंथों में से एक माना गया है.
Self Satisfied
आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को कभी भी अपने द्वारा किए जाने वाले कुछ कृतों से संतुष्ठ नहीं होना चाहिए. चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
Lord Name
आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को कभी भी भगवान का नाम लेने से संतुष्ठ नहीं होना चाहिए. जो ईश्वर को याद रखते हैं, उनके ऊपर प्रभु की कृपा सदा बनी रहती है.
Life Span
आचार्य चाणक्य के मुताबिक मनुष्य अपने जीवनकाल में जितनी बार भगवान को याद करें, उनका नाम ले कम ही है. इसलिए जितना हो सके अपने आप को कर्म करने के साथ प्रभु की भक्ति में लीन रखें.
Help
आचार्य चाणक्य के अनुसार मनुष्य को कभी भी दूसरों के लिए परोपकार करने से खुद को नहीं रोकना चाहिए. व्यक्ति को कभी भी अपने इस कृत से संतुष्ठ नहीं होना चाहिए.
Human Ethics
जरूरत के समय व्यक्ति अगर दूसरों की मदद कर सकता है, तो उसे जरूर से करना चाहिए. यही मानव धर्म है.
After Death
आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को मृत्यु के बाद भी वो लोग याद रखते है, जिसका उसने जरूरत के समय मदद किया है. जिसके लिए वो आवश्यकता पड़ने पर खड़ा रहा हो.
Practice
आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में लिखते हैं कि मनुष्य को कभी भी अपने अभ्यास को बंद नहीं करना चाहिए.
Work Practice
आपको जिस भी कार्य में दिलचस्पी हो, उसका अभ्यास प्रतिदिन करें. इससे आपको कभी संतुष्ठ नहीं होना चाहिए.
Backward
व्यक्ति को ये नहीं सोचना चाहिए कि उसे सब आता है, उसने सब जान लिया है. इससे वो जीवन में पीछे जाता है.