सतुआन पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है. सतुआन नव वर्ष का एक प्रतीक है और मिथिला में इसे नव वर्ष के रूप में मनाते है.

सतुआन पर्व ग्रीष्म ऋतु के दिन होता है. इसको पानी में भरकर पेड़ की जड़ों में डला जाता है. सात ही बता दें कि यह पर्व दक्षिण भारत में भी धूमधाम के साथ मनाया जाता है.

बिहार और पूर्वी यूपी में रहने वाले लोगों की पहली पसंद है. इस महीने में ज्यादातर लोगों के घरों में सतुआन को बनाकर तैयार किया जाता है. यह खाने में भी बहुत स्वाद होता है.

इस पर्व की बात करें तो सत्तु के चार यार चोखा, चटनी, प्याज, अचार के अलावा आम की चटनी के साथ प्याज और सत्तु खाकर इस पर्व को मनाने की परंपरा है.

सतुआन के बारे में बता दें कि सत्तु की तासीर ठंडी होती है और जेठ के महीने की शुरुआत से पहले पानी डला जाता है और बाद में फिर इसको तैयार कया जाता है.

इस वर्ष सतुआन त्योहार 15 अप्रैल 2023 को शनिवार के दिन पड़ेगा. यह पर्व बहुत ही पावन है यहां के लोग धूमधाम के साथ इस पर्व को मनाते है.

सतुआन त्योहार बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में मनाया जाता है. यह त्योहार अपने आप में ही खास है. इसे त्योहार को बिहार के मिथिलांचल के लोग मनाते हैं. साथ ही यह मिथिला में नए वर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी है.

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