Mahabharata Facts: शकुनी ने पांडवों को जिस पासे से हराया था, वो किस चीज से बना था, जानें 10 रोचक तथ्य

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 18, 2023

धर्मराज युधिष्ठिर का जन्म

महाभारत में वर्णन है कि दुर्वासा के मंत्र से धर्मराज युधिष्ठिर का जन्म हुआ था.

पांडु ने साम्राज्य छोड़ दिया था

ऋषि किंदम की श्राप की वजह से पांडु ने साम्राज्य छोड़ दिया था और संन्यासी बन गए थे. कुंती और मादरी भी उनके साथ वन में रहने लगीं.

जानिए क्या थी तब मान्यता

मान्यता है कि उस वक्त पत्नी को पुरुष के बाईं जंघा या बाईं तरफ और पुत्रियों को दाईं जंघा या दाईं तरफ रखा जाता था.

बाईं जंघा पर बैठने का कहा

दुर्योधन ने युधिष्ठिर से द्रौपदी को अपनी बाईं जंघा पर बैठने को कहने के लिए कहा था.

दुर्योधन ने चौसर का खेल जीता था

महाभारत में जिक्र है कि दुर्योधन ने चौसर का खेल जीता था.

राजा सुबल की हड्डी से बने थे पासे

कथाओं में जिक्र है कि शकुनि के पासे उनके पिता राजा सुबल की हड्डी से बने थे. इसकी जानकारी किसी को नहीं थी.

पासा के चार ही पक्ष थे

हालांकि, सबसे अजीब बात यह है कि जिस पासे से शकुनी ने पांडवों को चौसर के खेल में हराया था, उसके चार ही पक्ष थे.

चौसर के खेल में पासा इस्तमेाल

चौसर के खेल में जो पासा इस्तमेाल किया जाता है वह छह-पक्षीय होता है. यही आमतौर पर लोग जानते भी हैं कि पासा छह-पक्षीय होता है.

वायुदेव से भीम, इंद्र से अर्जुन का जन्म

इसी तरह से वायुदेव से भीम, इंद्र से अर्जुन का जन्म हुआ था. इसके बाद कुंती ने यही मंत्र मादरी को बताया था फिर सहदेव का जन्म हुआ था.

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