तुलसी एक ऐसा पौधा है जो हिंदू धर्म को मानने वाले हर घर में पूजा जाता है. साथ ही गले के विकारों के इलाज में तुलसी के पौधे की पत्तियों से बनी चाय बहुत कारगर है. अगर तुलसी के पत्ते से बने अर्क का इस्तेमाल करते है तो घाव और त्वचा की समस्याओं को दूर किया जा सकता है.

एनाइज एक ऐसा पौधा है कि अगर इसके बीज का उपयोग करते है तो वो पेट फूलना, शूल और पांचन तंत्र से संबंधित परेशानी को ठीक करता है. अगर इस पौधे की बात करें तो एनाइज एक नाजुक पौधा है और जब छोटे बच्चों को खांसी संबंधित समस्या होती है तो उसको दवा के रूप में दिया जाता है.

दालचीनी एक ऐसी प्राकृतिक औषधीय है जो शरीर को शुद्ध करने का काम करती है. शरीर के अंदर दालचीनी एक उत्प्रेरक के रूप में काम करता है. यह शरीर में रक्त को शुद्ध और संक्रमण से निपटने में कारगर है.

मेथी एक ऐसा पौधा है जो लगभग हर छोटी और बड़ी बीमारी के लिए इस्तेमाल होता है. यह विशेष रूप से फेफड़ों में संक्रमण को कम करने का काम करता है. इसके अलावा बता दें कि मेथी का उपयोग मसाले के रूप में भोजन बनाने में भी उपयोग होता है, जो पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है.

कैमोमाइल पौधे की बात करें तो यह पौधा एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. इस पौधे का इस्तेमाल जुकाम से सुरक्षा, बैक्टीरिया के संक्रमण, अवसाद और चिंता का इलाज, मासिक धर्म में ऐंठन, मांसपेशियों की ऐंठन, नींद के पैटर्न आदि के लिए किया जाता है.

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