ट्रेन के गलत कोच में ट्रैवल करने की सजा से बच सकते हैं आप, जानिए क्या है कानून

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
May 30, 2024

वायरल

हाल ही में एक ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमें ट्रेन के एसी कोच में जनरल टिकट वाले यात्री बैठे हुए हैं.

कितना फाइन देना होगा?

अगर कोई ऐसा करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसे अपनी टिकट और हायर क्लास की टिकट के अंतर का अतिरिक्त फाइन देना होगा.

रेलवे एक्ट 1989

ट्रेन में उचित टिकट के बगैर ट्रेवल करना एक कानूनी अपराध है. इससे जुड़े नियम और सजा रेलवे एक्ट 1989 में है.

सेक्शन 138 (2)

रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 138 (2) में कहा गया है कि टिकट के मुकाबले हायर क्लास के कोच में यात्रा करना गैरकानूनी है.

ट्रेन से उतारा जा सकता है

रेलवे एक्ट सेक्शन 138 के मुताबिक, सेक्शन 138 में दिए फाइन को नहीं भरने पर रेलवे कर्मचारी व्यक्ति को ट्रेन से उतार सकते हैं.

जेल की सजा

अगर कोई फाइन नहीं भरता तो उसे जेल की सजा हो सकती है, जो 10 दिन से लेकर 1 महीने तक की हो सकती है.

बच्चों के लिए ये कानून

अगर किसी महिला या बच्चे के साथ कोई पुरुष यात्री नहीं हो, तो उन्हें उस स्टेशन पर छोड़ा जाएगा जहां से वो ट्रेन में चढ़ते हैं.

जेल

ट्रेन में किसी भी तरह का कूड़ा या कचरा फेंकना भी गैर-कानूनी है. रेलवे एक्ट की धारा 145 के आरोपी पर 100 रुपये और दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 250 रुपये का जुर्माना हो सकता है.

अलार्म

बिना उचित वजह के चलती ट्रेन में अलार्म खींचना गैर-कानूनी है. रेलवे एक्ट की धारा -141 के तहत ऐसा करने पर एक हजार रुपये जुर्माना या एक साल की जेल हो सकती है. दोषी व्यक्ति को कोर्ट की ओर से दोनों सजाएं एक साथ भी मिल सकती हैं.

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