Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी के दिन भूल से न खाएं चावल, नहीं तो अगले जन्म तक पड़ेगा पछताना!

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Aug 14, 2024

Sanatan Dharma

सनातन धर्म में पुत्रदा एकादशी का एक विशेष महत्व है. सावन में पड़ने वाले इस व्रत को श्रद्धालु बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ रखते हैं.

Sawan

भोलेनाथ के प्रिय माह सावन में, हर साल शुक्ल पक्ष के 11वें चंद्र दिवस पर पुत्रदा एकादशी का व्रत होता है. जो कि इस साल 16 अगस्त, दिन शुक्रवार को रखा जाएगा.

Putrada Ekadashi

पुत्रदा एकादशी के दिन श्रद्धालु नियम अनुसार व्रत रखते हुए, विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु सहित माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं.

Child Well Being

पुत्रदा एकादशी व्रत को पौष पुत्रदा एकादशी के साथ सावन पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत को नवविवाहित महिलाएं संतान सुख प्राप्ति के लिए रखती हैं.

Unmarried

अविवाहित लड़कियां इस व्रत को मनचाहा फल की प्राप्ति के लिए रखती हैं. वहीं, विवाहित स्त्रियां संतान के मंगल हेतु पुत्रदा एकादशी का व्रत रखती है.

Newly Married

कहा जाता है कि नवविवाहित महिलाओं को पुत्रदा एकादशी व्रत को रखते हुए, पूजा के समय संतान गोपाल स्त्रोत का पाठ जरूर से करना चाहिए. इससे उन्हें जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है.

Mythology

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भूल से भी पुत्रदा एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए.

Rice

जो लोग पुत्रदा एकादशी के दिन चावल का सेवन करते हैं. वो अगले जन्म में रेंगने वाले जीव में पैदा होते हैं. उनका पुनर्जन्म मनुष्य योनि में नहीं होता है.

Satvik Food

सावन पुत्रदा एकादशी के दिन सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए.

Disclaimer

यहां प्रस्तुत की गई जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. Zee न्युज इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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