नई दिल्लीः एनडीए में बीजेपी की सहयोगी दल जेडीयू लगातार संसद में बीजेपी के मुख्य प्रस्तावों और बिल का विरोध कर रही है. संसद में धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया है. लेकिन बीजेपी सहयोगी दल जेडीयू इसका विरोध कर रही है. इससे पहले भी तीन तलाक बिल को लेकर भी जेडीयू ने विरोध जताया था. लेकिन जेडीयू के विरोध पर सवाल खड़े हो रहे हैं.


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विपक्ष का कहना है कि जेडीयू केवल अपने वोट बैंक के लिए सरकार के प्रस्ताव का विरोध कर रही है. केवल लोगों को जता रही है कि वह विरोध कर रही है. वोट बैंक के आखों में धूल झोंक रही है. जबकि विरोध में वोट नहीं करती है.


आरजेडी के नेता जय प्रकाश यादव ने कहा कि जेडीयू का यह कैसा विरोध है. विरोध करते हैं ठीक है लेकिन जब संसद में विरोध में वोट करने की बारी आती है तो जेडीयू सांसद सदन से बाहर चले जाते हैं. जेडीयू का यह कैसा विरोध है.



आपको बता दें कि तीन तलाक बिल पर जेडीयू ने विरोध जताया था. उनका कहना था कि वह तीन तलाक बिल पर बीजेपी का सहयोग नहीं करते हैं. हालांकि, जेडीयू ने राज्यसभा में इसके विरोध में वोट नहीं किया बल्कि, सांसद सदन से बाहर चले गए.


वहीं, अब धारा 370 के निरस्त होने के प्रस्ताव का भी जेडीयू विरोध कर रही है. जेडीयू का कहना है कि यह देश के लिए काला दिन जैसा है. और लोकतंत्र के खिलाफ यह काम हो रहा है. जेडीयू के नेता श्याम रजक ने कहा कि बीजेपी के किसी भी विवादस्पद मामलों में जेडीयू कभी समर्थन नहीं करती है. उनका कहना है कि बिहार में बीजेपी के साथ उनका गठबंधन है लेकिन बिहार के बाहर वह साथ नहीं हैं.


श्याम रजक से जब विरोध में वोटिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा यह समय और नीति के अनुसार किया जाएगा. जेडीयू प्रमुख और सांसद मिलकर इस बारे में फैसला करेंगे. लेकिन पार्टी प्रस्ताव का पूरी तरह से विरोध करती है.


बहरहाल, जेडीयू बीजेपी के सभी बिलों और प्रस्तावों का विरोध कर रही है. मीडिया में विरोध करते हुए बयान दे रही है, लेकिन सदन में प्रस्ताव के खिलाफ वोट नहीं देती है. ऐसे में विपक्ष का आरोप है कि यह केवल वोट बैंक के लिए विरोध किया जा रहा है.