नई पहलः ड्राइवर-गार्ड समेत पूरी `महिला क्रू` करेगी रेलवे की गुड्स गाड़ियों का परिचालन
भारतीय रेल महिला एम्पावरमेंट को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए रेल में कई तरह के प्रयोग भी किए जा रहे हैं.
दानापुरः भारतीय रेल महिला एम्पावरमेंट को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए रेल में कई तरह के प्रयोग भी किए जा रहे हैं. ऐसा ही प्रयोग रेलवे के दानापुर रेलवे डिविजन में किया गया है. जिसके तहत महिला एम्पावरमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग के तौर पर दानापुर मंडल में गुड्स ट्रेन (मालगाड़ी) का संचालन लड़कियों के द्वारा शुरू किया गया है.
गुड्स ट्रेन में गार्ड से लेकर लोको पॉयलट तक क्रू के सभी सदस्यों में लड़कियां शामिल हैं. दानापुर रेलवे स्टेशन पर गुड्स ट्रैन के ईंजन में कमान संभाल रही सोनी और विभा भारतीय रेलवे के इस जोन की पहली महिला पायलट और को पॉयलट है. अब वह गुड्स ट्रेन का संचालन करेगी.
भारतीय रेलवे की ये पहल महिलाओं के सशक्तिकरण करने का एक प्रयास है. साथ ही महिलाओं को प्रोत्साहित करने का एक तरीका भी है. जिससे पता चलता है कि रेलवे में उनके लिए संभावनाओ की कोई कमी नही है.
गुड्स ट्रेन को चलाने के लिए केवल पायलट और को पायलट ही महिलाएं नहीं है, बल्कि इस ट्रेन की गार्ड भी महिला ही हैं. ट्रेन गार्ड के रूप में स्वाति सौरभ कार्य कर रही हैं. यानी पूरी ट्रेन का संचालन महिला क्रू के द्वारा हो रही है.
स्वाति सौरभ समेत विभा और सोनी काफी खुश हैं. वह ऐसा करने के लिए काफी उत्सुक हैं. हालांकि उन्हें कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ेगा, जिसके बावजूद वह ऐसा करने को तैयार हैं. वह एक नए अनुभव के लिए खुश हैं.
हालांकि उनकी सबसे बड़ी चिंता है जो उन्हें इस काम को आगे बढ़ाने के लिए रोक सकता है. उनका कहना है कि गुड्स ट्रेन कई बार आउटर स्टेशनों पर घंटो खड़ी रहती है. ऐसे में उनके लिए सुरक्षा की सबसे बड़ी चिंता है. वहीं, इंजन और गार्ड के डब्बों में टॉयलेट की व्यवस्था न होना उनकी सबसे बड़ी परेशानी होगी.
रेल अधिकारी भी इनकी परेशानियों को सही मान रहे हैं. क्यों कि महिलाओं के लिए सबसे बड़ी परेशानी है. हालांकि अधिकारी इस बात पर विचार करने और इस परेशानी को दूर करने की संभावनाओं के बारे में कार्य कर रही है.