Bihar Politics: बिहार में जिस नेता को BJP ने किया ‘बर्खास्त’, उसे नीतीश की JDU ने फिर अपनाया
Bihar Politics: भाजपा से निकाले जाने के करीब दो सप्ताह बाद राजीव रंजन रविवार को दोबारा सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए. उन्होंने पार्टी में वापस लिए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार भी जताया.
Bihar Politics: भाजपा से निकाले जाने के करीब दो सप्ताह बाद राजीव रंजन रविवार को दोबारा सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए. उन्होंने पार्टी में वापस लिए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार भी जताया. भाजपा की बिहार इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव रंजन को पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में पिछले साल 30 दिसंबर को बर्खास्त कर दिया था.
जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और इसकी राज्य इकाई के प्रमुख उमेश कुशवाहा ने रंजन का स्वागत किया. जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजीव के लिए यह घर वापसी है. हम खुश हैं कि वह अपनी पुरानी पार्टी में लौट आए हैं. भाजपा के अधिकांश नेता, जो जनता से जुड़े हुए हैं, खुद को भाजपा में सहज नहीं पाते हैं.’’
राजीव रंजन पहले नीतीश कुमार की जद (यू) के साथ थे और 2015 में भाजपा में शामिल हो गए थे. जद (यू) नेता ललन सिंह ने दावा किया, ‘‘भाजपा को लोगों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि उसके नेता देश में धार्मिक नफरत फैलाने में व्यस्त हैं.’’
इस मौके पर बोलते हुए ललन सिंह ने भाजपा पर हमला किया और कहा कि बड़का झुठा पार्टी (भगवा पार्टी) के पास लोगों के बीच झूठ फैलाने के अलावा कोई काम नहीं है. जद (यू) प्रमुख ने भाजपा पर मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए देश में "सांप्रदायिक जहर फैलाने" का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार ने युवाओं को सालाना दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था.
लेकिन अब आठ साल सत्ता में रहने के बाद भाजपा नेताओं में यह कहने की हिम्मत नहीं है कि उन्होंने युवाओं को कितनी नौकरियां मुहैया कराईं. ललन ने "उज्ज्वला योजना" की कथित विफलता के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि बहुप्रचारित योजना पूरे देश में फ्लॉप हो गई है. उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थी आज एलपीजी सिलेंडर नहीं भर पा रहे हैं क्योंकि केंद्र में पिछली सरकार के कार्यकाल में इसकी कीमत 400 रुपये से बढ़कर 1200 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)