Birth Certificate Single Document: अब एजुकेशन इंस्टिट्यूट में एडमिशन, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड या पासपोर्ट के लिए अप्लाई करना हो या फिर मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना हो तो अलग-अलग डॉक्युमेंट का झंझट खत्म हो गया है. इन जैसे कई कामों के लिए अब सिर्फ बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ेगी. एक अक्टूबर से लागू होने वाले एक नए संशोधित कानून के तहत लोगों को यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी.


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 संसद ने मॉनसून सत्र में बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन (संशोधन) अधिनियम 2023 पारित किया था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 अगस्त को इस पर मुहर लगा दी थी. रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसके मुताबिक, बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन (संशोधन) अधिनियम, 2023 की धारा 1 की उप-धारा (2) के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए, केंद्र सरकार यह सूचित करती है कि एक अक्टूबर, 2023 को अधिनियम के प्रावधान लागू हो जाएंगे.' 


सिंगल डॉक्युमेंट के तौर पर होगा इस्तेमाल


अधिनियम लागू होने से एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स में एडमिशन, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड या पासपोर्ट के लिए आवेदन और मैरिज रजिस्ट्रेशन जैसे कई अन्य कामों और सर्विसेज के लिए बर्थ सर्टिफिकेट को सिंगल डॉक्युमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.


इस नए संशोधन के बाद बर्थ सर्टिफिकेट की अहमियत बढ़ जाएगी. साथ ही जन्म एवं मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर डेटा बेस बनाने में भी आसानी होगी. इसके अलावा नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाएं ज्यादा बेहतर तरीके से डिलीवर हो सकेंगी.


लोगों को मिलेंगे ये फायदे


इस कानून के लागू होने से सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि डेथ और बर्थ सर्टिफिकेट डिजिटली मिल सकेगा. अभी लोगों को हार्ड कॉपी मिलती है. कई बार तो लोगों को हफ्तों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. फिलहाल आधार को ही हर जगह आईडी कार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसी से बाकी दस्तावेजों को लिंक कराना पड़ता है. अब यह काम बर्थ सर्टिफिकेट करेगा, जो जन्म एवं मृत्यु के लिए हर जगह आईडी के तौर पर काम आएगा.