Accused Of Nuh Violence: आखिरकार नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी को पकड़ा गया है. तावडू की सीआईए टीम ने उसे फरीदाबाद से हिरासत में लिया है. यहां से पुलिस की सीआईए यूनिट ने उसे पकड़ा है. बिट्टू बजरंगी को पहले हिरासत में लिया गया फिर अरेस्ट कर लिया गया है. यह वही बिट्टू बजरंगी है जिसने नूंह हिंसा के दौरान ब्रजमंडल शोभायात्रा से पहले सोशल मीडिया पर कई भड़काऊ पोस्ट किए थे. बिट्टू बजरंगी के खिलाफ नामजद FIR दर्ज थी और काफी समय से आशंका थी कि उसकी गिरफ्तारी जल्द की जा सकती है. फिलहाल अब उसे पकड़ लिया गया है. नूंह हिंसा के संबंध में पुलिस उससे कई राज उगलवा सकती है.


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असल में नूंह-गुरुग्राम हिंसा मामले में मोनू मानेसर के बाद जो सबसे ज्यादा नाम चर्चा में आया था वह बिट्टू बजरंगी का ही था. उसका एक वीडियो 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद के जुलूस से ठीक पहले वायरल हुआ था. जिसमें वह भड़काऊ बयान देते हुए पाया गया था. बताया जा रहा है कि नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी को पुलिस ने फरीदाबाद स्थित एक घर से गिरफ्तार कर लिया है. नूंह के थाना सदर में ही बिट्टू बजरंगी पर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. बिट्टू बजरंगी पर 148,149,332, 353,186,395, 397,506,25,54,59 धाराएं लगाई गई हैं. 


कौन है बिट्टू बजरंगी
बिट्टू बजरंगी गौ रक्षक बजरंग दल की फरीदाबाद इकाई का प्रमुख है. वह फरीदाबाद का रहने वाला है और उसका असली नाम राजकुमार है. बिट्टू बजरंगी खुद को गौ रक्षक बताता रहता है. नूंह हिंसा के दौरान उसने अपने भड़काऊ वीडियो में कहा था, 'ये बोलेंगे कि बताया नहीं है हम ससुराल आए और मुलाकात नहीं हुई... फूलों की माला तैयार रखना भाई ससुराल आ रहा है. कुल 150 गाड़ियां है.' इस वीडियो के दौरान बिट्टू बजरंगी अपने समर्थकों के साथ दिखता है. इसके बाद तनाव बढ़ गया था. नूंह से शुरू हुई हिंसा हरियाणा के फरीदाबाद, पलवल, होडल, गुरुग्राम और सोहना जिलों में भी फैल गई थी. इस हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं और हरियाणा सरकार भी सवालों के घेरे में थी. 


पुलिस को दे चुका है हिंसा का दोष
नूंह में फैली हिंसा के बाद एक टीवी चैनल से बात करते हुए बिट्टू ने हिंसा का दोष पुलिस को दिया था. साथ ही वह अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करता रहा और उसने कहा कि अगर उसके बयानों से दंगा भडका तो दूसरे पक्ष के लोग पहले से हथियार के साथ कैसे लैस थे. हालांकि उसने यह जरूर स्वीकार किया कि जुलूस में लोगों के पास तलवारें और बंदूकें थीं. उसने सफाई भी देते हुए कहा कि तलवारें धार्मिक अनुष्ठानों के लिए थीं और बंदूकों को लाइसेंस दिया गया था. जब उससे पूछा गया कि आरोप है कि उसके भड़काऊ वीडियो की वजह से हिंसा हुई तो उसने कहा कि अगर ऐसा है तो मुसलमान पहले से ही हथियारबंद कैसे थे.