INDIA Politics: `अब इंडिया नहीं, भारत बोलिए`, BJP सांसद ने की संविधान में संशोधन की मांग
India In Constitution: संविधान में इंडिया शब्द को भारत करने की मांग बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव (Harnath Singh Yadav) ने कर दी है. इसका कांग्रेस (Congress) की तरफ से कड़ा विरोध किया गया है.
Constitution Amendment: बीजेपी (BJP) सांसद हरनाथ सिंह यादव (Harnath Singh Yadav) ने संविधान से 'INDIA' शब्द हटाने की मांग की है. उन्होंने भारत के संविधान में संशोधन कर INDIA को भारत करने की मांग की है. जान लें कि इससे पहले RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने भी इसे लेकर बयान दिया था. मोहन भागवत ने कहा था कि किसी को समझ आए या नहीं लेकिन इंडिया नहीं बोलना चाहिए भारत ही बोलना चाहिए. इसके अलावा BJP सांसद नरेश बंसल (Naresh Bansal) ने राज्यसभा में भी ये मुद्दा उठाया.
हरनाथ सिंह यादव की क्या है मांग?
बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि मैं ये अभियान नहीं चला रहा हूं बल्कि सारा देश ये चाह रहा है. तमाम हिस्सों से ये बात आ रही है. आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी भारत पर अपील की है कि लोगों को भारत शब्द बोलना चाहिए. दूसरा कोई शब्द नहीं बोलना चाहिए. देश का नाम सिर्फ भारत है, दूसरा कोई नाम नहीं है. भारत शब्द में जज्बा है. भारत एक प्राणवान शब्द है. इससे हमें ऊर्जा मिलती है. श्रद्धा का एक भाव आता है. वो इंडिया में दूर-दूर तक नहीं है.
इंडिया नाम कैसे पड़ा?
हरनाथ सिंह यादव ने आगे कहा कि ये जो इंडिया शब्द है अंग्रेजों का दिया. उनकी दृष्टि में हम जाहिल कौम थे. दुनिया के अंदर जहां-जहां उनको लगता था कि ये जाहिल लोग हैं, अपराधी प्रवृत्ति के लोग हैं, मूर्ख लोग हैं. ऐसे लोगों को उन्होंने इंडिया शब्द दिया. हमारे यहां ऐसी मानसिक विकृति के लोग हैं जो लोगों को गुमराह करते हैं कि अंग्रेज सिंध की ओर से आए थे तो वो सिंध बोल नहीं पाते थे तो इंड बोलते थे. इसलिए धीरे-धीरे इंड से इंडिया हो गया.
इंडिया शब्द का पक्ष लेने वालों पर निशाना
बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह ने कहा कि मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं कि अगर सिंध से हुआ इंडिया तो इंडोनेशिया में सिंध नदी कहां थी? तमाम ऐसे देश हैं जिनके नाम में इंड शब्द है, वहां सिंध नदी कहां थी? ये इंडिया शब्द अंग्रेजों के द्वारा दिया गया हमारे लिए अपशब्द है. इसलिए इंडिया शब्द हटाया जाना चाहिए. भारत शब्द सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का, सांस्कृतिक संपदा का, हमारी पहचान का एक प्रतीक है, इसलिए भारत शब्द होना चाहिए.
जयराम रमेश का रिएक्शन
सविंधान से इंडिया शब्द हटाने की मांग पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पोस्ट किया कि तो ये खबर वाकई सच है. राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए 'प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय 'भारत के प्रेसीडेंट' के नाम पर निमंत्रण भेजा है. अब, संविधान में अनुच्छेद 1 पढ़ सकते हैं: 'भारत, जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ होगा.' लेकिन अब इस 'राज्यों के संघ' पर भी हमला हो रहा है.
गौरतलब है कि इंडिया शब्द पर नई सियासी जंग छिड़ गई है. बीजेपी के सांसद जहां इसे हटाने की मांग कर रही है. वहीं, विपक्षी नेता इंडिया को भारत करने की मांग पर विरोध कर रहे हैं. ये भी जान लीजिए कि विपक्षी गठबंधन ने अपने गठबंधन का नाम भी इंडिया रखा है. इस बीच, दोनों तरफ हो रही बयान बाजी से सियासी पारा चढ़ गया है.